देश में मोटर स्पोर्ट्स का संचालन करने वाली संस्था ‘फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया (एफएमएससीआई)’ ने द्रोणाचार्य पुरस्कारों के लिए अपने ही अध्यक्ष अकबर इब्राहिम के नाम के साथ अर्जुन पुरस्कार के लिए जेहान दारूवाला के नाम की सिफारिश की है।
पिछले साल जेहान के नाम को अनदेखा किया गया था।
रेसर से कोच बने इब्राहिम के नाम की पिछले साल भी द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए सिफारिश की गई थी, लेकिन सरकार द्वारा नियुक्त चयन समिति ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों के लिए एफएमएससीआई के किसी भी नामांकन को नहीं चुना था।
इब्राहिम हालांकि पिछले साल एफएमएससीआई के अध्यक्ष नहीं थे। इस बार उनके नामांकन का एफएमएससीआई के अंदर ही कुछ लोग विरोध कर रहे है।
एफएमएससीआई के एक अधिकारी ने कहा, "यह विडंबना है, आमतौर पर अध्यक्ष ही नामांकन पर निर्णय लेते हैं और उन्होंने खुद को नामांकित किया है। शुरुआत में दो नामों पर चर्चा हुई लेकिन परिषद ने केवल इब्राहीम का नाम भेजने का फैसला किया।"
उन्होंने कहा, "पिछले साल नामांकन होना ठीक था लेकिन इस साल उनका नाम नहीं जाना चाहिए था क्योंकि वह पद संभाल रहे हैं। जहां तक जेहान के नामांकन का सवाल है, मुझे खुशी है कि यह इस साल हुआ है, उनका नाम हालांकि पिछले साल ही भेजा जाना चाहिए था।"
शीर्ष रैली चालक गौरव गिल भारतीय मोटरस्पोर्ट्स के पहले और एकमात्र राष्ट्रीय खेल पुरस्कार विजेता हैं। उन्हें 2019 में अर्जुन पुरस्कार मिला था।
गिल के सह-चालक मूसा शेरिफ को राजीव गांधी खेल रत्न के लिए नामांकित किया गया है, लेकिन देश के सर्वोच्च खेल सम्मान के लिए उनके नाम पर विचार किए जाने की संभावना बहुत कम है।
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फॉर्मूला टू रेस में लगतार दूसरे साल भाग ले रहे 22 साल के जेहान कुछ रेसों में शीर्ष तीन में जगह बनाने में सफल रहे है। उन्होंने पिछले साल बहरीन में स्प्रिंट रेस जीती थी और इस सत्र में एक बार दूसरा और एक बार तीसरा स्थान हासिल किया है।
वह रेड बुल जूनियर ड्राइवर भी है। वह 2019 में फॉर्मूला थ्री चैम्पियनशिप में तीसरे स्थान पर रहे।