तोक्यो। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को ओलंपिक खेलों में अपनी टीम के प्रयास पर फख्र है लेकिन वह ऐतिहासिक पदक चूक कर चौथे स्थान पर रहने से आहत हैं। अप्रत्याशित खेल के दम पर सेमीफाइनल तक पहुंची भारतीय महिला हॉकी टीम कांस्य पदक प्ले ऑफ मुकाबले में शुक्रवार को ब्रिटेन से 3-4 से हार गई। रानी ने इस मैच के बाद कहा, ‘‘ हम बहुत निराश महसूस कर रहे हैं क्योंकि हम (पदक के) इतने करीब थे। हम 2-0 से पिछड़ रहे थे और फिर हमने बराबरी की और हम 3-2 से बढ़त हासिल करने में भी सफल रहे। मुझे नहीं पता कि क्या कहना है, लेकिन हाँ बहुत दुख हो रहा है क्योंकि हम कांस्य पदक नहीं जीत सके।’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ मुझे हालांकि लगता है कि सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, इसलिए मुझे टीम पर गर्व है। ओलंपिक खेलों में खेलना और शीर्ष चार में जगह बनाना आसान नहीं है। हमने लंबा सफर तय किया। मुझे लगता है कि अब हम काफी करीब थे, लेकिन कभी-कभी करीब होना भी अच्छा नहीं होता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे हालांकि अब भी टीम पर गर्व है। हमने पूरे टूर्नामेंट में इतनी मेहनत की और एक साथ एक टीम के रूप में खेले।’’
भारतीय टीम ने दो गोल से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी की और मध्यांतर के समय 3-2 की बढ़त हासिल कर ली थी। ब्रिटेन की टीम ने हालांकि दूसरे हाफ में अपना सब कुछ झोंक दिया और दो गोल कर भारत के हाथों से जीत छीन ली। रानी ने उम्मीद जतायी कि तोक्यो खेलों में उनका प्रदर्शन भारत में आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी देशवासियों का आभार प्रकट करना चाहती हूं क्योंकि उन्होंने हमारा बहुत समर्थन किया और उन्हें हम पर विश्वास था कि हम यहां कुछ हासिल कर सकते हैं। मुझे पता है कि भले ही हमने कांस्य पदक नहीं जीता, लेकिन वे हमारा समर्थन करेंगे क्योंकि हमने देश को प्रेरित किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें देश से यहीं चाहिए, हमें उनका समर्थन चाहिये।’’ ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर के दो गोल भी भारत को जीत दिलाने के लिए काफी नहीं थे। उन्होंने कहा कि किस्मत शायद उनके साथ नहीं थी और इस हार को पचा पाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक बहुत कठिन हार थी लेकिन हमने बहुत प्रयास किया। हर एक खिलाड़ी ने अपना शत प्रतिशत दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने इतिहास बनाया है। हम किसी को दोष नहीं दे सकते। यह एक टीम प्रयास था। हम आज भाग्यशाली नहीं थे।’’