FIFA World Cup 2018: विश्व कप के 10 सबसे विवादास्पद पल
रुस में इस महीने विश्व कप होने जा रहा है. विश्व कप में हमेशा फुटबॉल फ़ैंस का ज़बरदस्त मनोरंजन होता है. कई फ़ैंस के दिल टूटते हैं तो कई लोगों की खुशी की कोई सीमा नहीं रह जाती. हम यहां आपको विश्व कप इतिहास के 10 सबसे विवादास्पद पलों के बारे में बताने जा रहे हैं.
नयी दिल्ली: रुस में इस महीने विश्व कप होने जा रहा है. विश्व कप में हमेशा फुटबॉल फ़ैंस का ज़बरदस्त मनोरंजन होता है. कई फ़ैंस के दिल टूटते हैं तो कई लोगों की खुशी की कोई सीमा नहीं रह जाती. रोमांच के अलावा विश्व की इस सबसे बड़ी प्रतियोगिता में ड्रामा भी देखने को मिलता है. फुटबॉल खेलने वाले हर देश की दिली ख़्वाहिश विश्व कप जीतने की होती है और इसके लिए वो जी जान लगा देती है. दिएगो मैराडोना के हैंड ऑफ़ गॉड से लेकर आंद्रे एस्कोबार के सेल्फ़ गोल जैसे कई घटनाएं हुई हैं जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं. हम यहां आपको विश्व कप इतिहास के 10 सबसे विवादास्पद पलों के बारे में बताने जा रहे हैं.
10- सानतिआगो की जंग- 1962
चिली में तब तनाव फ़ैल गया जब इटली के दो पत्रकारों ने सानतिआगो की भद्दे तरीके से व्याख्या की. इन पत्रकारों ने चिली की महिलाओं की ख़ूबसूरती और उनके चरित्र को भी लेकर व्यंग्य किया. जवाब में चिली के मीडिया ने भी इटली पर हमला बोला और नतीजतन मैच में ख़ून-ख़राबा हो गया. मैच शुरु होने के 12 सैकंड के अंदर ही जॉर्जियो फ़ेरिनी ने फ़ाउल कर दिया और 12 मिनट बाद इस खिलाड़ी को होनोरिनो लांडा को खतरनाक तरीके से टैकल करने के लिए रैफ़री ने मैदान से बाहर जाने को कहा लेकिन फ़ेरिनी ने बाहर जाने से मना कर दिया. आख़िर में पुलिस की मदद से उसे बाहर किया गया. इस बीच लांडा उसे पंच किया लेकिन उसे रेड कार्ड नहीं दिखाया गया. रैफ़री ने लियोनेल सांचेज़ को भी इटली के मारियो डेविड को पंच करते नहीं देखा. इसका बदला लेते हुए सांचेज़ के सिर पर चोट की.
हिंसा यही नहीं थमी. इसके बाद सांचेज़ ने हमबर्टो मास्शियो की नाक पर घूंसा मारा. इसके बाद दोनों टीमों में मारपीट शुरु हो गई. पुलिस को तीन बार बीच बचाव के लिए मैदान में उतरना पड़ा. ये मैच चिली ने 2-0 से जीता.
9- जर्मनी बनाम फ़्रांस 1982 सेमीफ़ाइनल
किसी भी स्पर्धा में सेमीफ़ाइनल तनावपूर्ण होता है. ऐसा ही कुछ जर्मनी और फ़्रांस के बीच मैच में देखने को मिला. ये मैच जर्मनी ने पैनल्टी शूट आउट में जीता था. मैच के निर्धारित समय में दोनों टीमें 3-3 से बराबर थीं. ये घटना उस समय हुई जब दोनों टीमें 1-1 से बराबर थीं. फ़्रांस के पैट्रिक बैटिस्टॉन विरोधी गोल की तरफ़ बॉल को पकड़ने के लिए बढ़ रहे थे. दूसरी तरफ से जर्मनी के गोलकीपर हैराल्ड शूमाकर भी आगे की तरफ बढ़ रहे थे. पैट्रिक ने बॉल अपने कब्ज़े में ले ली लेकिन उनका शॉट निशाने से चूक गया. इस बीच गोलकीपर ने ऐसी छलांग लगाई की वह सीधे पैट्रिक से टकरा गए. ये इतनी ज़बरदस्त टक्कर थी कि पैट्रिक का एक दांत टूट गया, घुटने की हड्डी टूट गई और वह कोमा में चले गए. रैफरी ने गोल किक दी लेकिन शूमाकर को कोई सज़ा नहीं दी.
8- आयरिश सिविल वॉर-2002
आयरलैंड की 2002 विश्व कप की शुरुआत इससे बुरी नहीं हो सकती थी. विश्व कप के पहले आयरलैंड के ट्रेनिंग कैंप के दौरान ही टीम के दो दिग्गज आपस में भिड़ गए. रॉय कीन और माइक मैक्कार्थी के बीच हाथापाई की नौबत आ गई थी. कीन ने एक इंटरव्यू में टीम की तैयारी को लेकर मैनेजर मैक्कार्थी की जमकर आलोचना की. दोनों के बीच तनाव बढ़ता गया. शे गिवन ने 2017 में अपनी आत्मकथा में बताया कि कीन ने टीम मीटिंग में मैनेजर से कहा: तुम मुझसे सवाल क्यों कर रहे हो....? तुम होते कौन हो....? तुम खिलाड़ी भी बक़वास थे और मैनेजर भी बक़वास हो....बतौर मैनेजर तुम्हें मेरे देश को मैनेज नहीं करना चाहिए....
इसक बाद कीन को विश्व कप के पहले ही घर वापस भेज दिया गया. आयरलैंड ग्रुप स्टेज से आगे निकली लेकिन अंतिम 16 के मुक़ाबले में स्पेन से हार गई.
7- लुइस सौरेज़ का हैंडबॉल-2010
क्वार्टर फ़ाइनल में घाना का मुक़ाबला उरुग्वे से था. लेकिन मैच के बाद घाना के फ़ैंस ने ख़ुद को ठगा सा मेहसूस किया. अतिरिक्त समय के अंतिम क्षणों में घाना के डोमिनिक अदियिहा ने हेडर से बॉल को गोल की तरफ दाग़ा लेकिन लुइस सौरेज़ गोल लाइन पर बॉल हाथ से रोक दी. सौरेज़ को रेड कार्ड मिला. इस बीच घाना के असामोह ज्ञान ने 12 ग़ज़ से पैनल्टी किक लगाई जो क्रॉसबार से टकरा गई. सौरेज़ ने बाहर बैठकर इसका यूं जश्न मनाया मानों उन्होंने गोल कर दिया हो. घाना पैनल्टी शूट आउट में हार गई और सौरेज़ साउथ अफ़्रीका के लिए विलेन बन गए.
6- जब रोनाल्डो मैदान में दिखे नहीं-1998
पेरिस में होने वाले इस फ़ाइनल में मुक़ाबले में ब्राज़ील और फ़्रांस आमने सामने थे. सबको उम्मीद थी कि रोनाल्डो ब्राज़ील को विश्व कप जितवाएंगे क्योंकि इसके पहले वो चार गोल कर चुके थे. लेकिन जब टीम की घोषणा हुई तो लिस्ट में से रोनाल्डो का नाम ग़ायब था. पूरा स्टोडियम सन्नाटे में आ गया. लेकिन कुछ देर में एक दूसरी लिस्ट जारी हुई जिसमें रोनाल्डो का नाम था. लेकिन लोग ये देखकर दंग रह गए कि रोनाल्डो मैदान में एकदम सुस्त पड़े थे. फाइनल फ़्रांस ने 3-0 से जीत लिया. बाद में पता चला कि मैच के कुछ घंटे पहले रोनाल्डो को फिट पड़े थे.
5- दिएगो माराडोना फंसे ड्रग टेस्ट में-1994
इस विश्व कप में अर्जेंटीना को ख़िताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था. लेकिन तभी ख़बर आई की माराडोना ड्रग टेस्ट में फ़ेल गए. इसके पहले 1991 में इटेलियन लीग में माराडोना कोकैन के टेस्ट में भी फ़ैल हो गए थे और उन्हें 15 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था. 1994 विश्व कप में दूसरे मैच के बाद माराडोना फिर ड्रग टेस्ट में फेल हो गए और उन्हें 15 महीने के लिए निलंबित किया गया. आख़िरकार माराडोना 1997 में 36 साल की उम्र में रिटायर हो गए.
4- हैंड ऑफ़ गॉड-1986
इंग्लैंड और अर्जेंटीना के बीच 1986 क्वार्टर फ़ाइनल विश्व कप इतिहास का सबसे विवादास्पद मैच माना जाता है. माराडोना ने इस मैच में हाथ से गोल किया था जिसकी चारों तरफ ख़ूब आलोचना हुई थी. बाद में माराडोना ने कहा- वो हैंड ऑफ़ गॉड था. ये मैच अर्जेंटीना ने 2-1 से जीता था.
3- ज्योफ़ हर्स्ट का गोल-1966
1966 विश्व कप फ़ाइनल में पश्चिम जर्मनी के ख़िलाफ़ इंग्लैंड के ज्योफ़ हर्स्ट का गोल बहुत विवादास्पद था. अतिरिक्त समय में दोनों टीमें 2-2 से बराबर थीं. हर्स्ट ने पेनल्टी एरिये से किक लगाई और बॉल क्रॉसबार के अंदर लगी. रेफरी को ये पता नहीं था कि बॉल ने गोललाइन पार की या नहीं. उन्होंने लाइनमैन से पूछा और कुछ देर में गोल करार दिया. जबकि रिप्ले से साफ था कि बॉल ने गोललाइन पार नहीं की थी. इंग्लैड ने ये मैच 4-2 से जीता था.
2- ज़िडान का हेडबट-2006
फ़्रांस और इटली के बीच 2006 विश्व कप फ़ाइनल मैच ज़िनेडिन ज़िडान के हेचबट के लिए जाना जाता है. कहा जाता है कि इटली के मैटरेज़ी ने ज़िडान की बहन के लिए अपशब्द कहे थे जिससे नाराज़ होकर ज़िडान ने सिर से उस पर वार किया था. इस बात के लिए ज़िडान को रेड कार्ड दिखाया गया था. बाद में मैटरेज़ी ने इस बात की पुष्टि भी की थी कि उन्होंने ज़िडान की बहन को लेकर अपशब्द कहे थे. ये मैच फ़्रांस पेनल्टी शूट आउट में हार गई थी.
1- आंद्रे एस्कोबार का सेल्फ गोल-1994
1994 विश्व कप के बाद एक ऐसी त्रासदी हुई जिसने सारे फुटबॉल जगत को हिलाकर रख दिया. कोलंबिया ने बहुत अच्छी शुरुआत की थी लेकिन ग्रुप स्टोज में अमेरिका से हारकर बाहर हो गई. कोलंबिया के कप्तान आंद्रे एस्कोबार ने अपने ही गोल में गोल दाग़ दिया था. उनको अपनी ग़लती की कीमत अपनी जान से चुकाने पड़ी. एक रात जह वह बाहर थे, तभी उन्हें किसी ने गोली मार दी. उनकी शवयात्रा में एक लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे. ये मैच अमेरिका ने 2-1 से जीता था.