बेंगलुरू। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी का मानना है कि पुरूष हॉकी टीम के समान मौके मिलने और बेहतरीन जूनियर कार्यक्रम से महिला टीम के प्रदर्शन में सुधार आया है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने पिछले कुछ साल में अच्छा प्रदर्शन किया है जिसमें 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक और ओलंपिक क्वालीफिकेशन शामिल है।
रानी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि महासंघ द्वारा व्यवस्था को पेशेवर बनाने से इसमें मदद मिली। प्रतिभाओं को तलाशने के लिये जूनियर स्तर पर अच्छा कार्यक्रम है।’’ उन्होंने कहा कि जूनियर से सीनियर स्तर पर युवा खिलाड़ी आसानी से पदार्पण कर रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों का उन्हें अनुभव मिल रहा है।
रानी ने कहा ,‘‘युवा ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली लालरेम्सियामी और सलीमा टेटे जैसी खिलाड़ी सीनियर कार्यक्रम में आसानी से जगह बना सकीं।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ महिला टीम समान या अधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रही है जिससे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढा है।’’ पिछले महीने खेल रत्न पाने वाली पहली महिला हॉकी खिलाड़ी बनी रानी ने कहा कि वह टीम को तोक्यो ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करने के लिये लगातार प्रेरित कर रही है।
उन्होंने कहा ,‘‘ साइना नेहवाल और पी वी सिंधू ने ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करके कैसे खेल को बदल दिया। वे खेलों की ही नहीं आत्मनिर्भर और सक्षम नारी की भी पहचान बनीं । मैं चाहती हूं कि हमारी टीम भी ओलंपिक में ऐसी ही सफलता पाये।’’