कोलकाता: घरेलू हिंसा के मामले में फंसे पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन सौम्यजीत घोष ने बुधवार को कहा कि बारासात अदालत से बिना शर्त जमानत मिलने के बाद उनकी नजरें राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के साथ प्रतिस्पर्धी टेबल टेनिस में वापसी पर टिकी हैं। साल 2013 में सबसे युवा राष्ट्रीय चैंपियन बने घोष ने संवाददाताओं से कहा,‘‘मेरे खिलाफ सभी आरोप झूठे हैं और मुझे और मेरे परिवार को जमानत मिल गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के साथ वापसी करने की कोशिश करूंगा। लेकिन जब भी तलब किया जाएगा तो मुझे अदालत में भी पेश होना होगा।’’
घोष ने कहा, ‘‘जमानत मिलने के बाद मैं एक बार फिर खेलने पर ध्यान दे सकता हूं। यह काफी मुश्किल लड़ाई थी और मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मेरा परिवार और शुभचिंतक मेरे साथ थे।’’
घोष और उनके परिवार के पांच सदस्यों पर बरासात अदालत में 16 जनवरी को आईपीसी की धारा 498ए (शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न), 406, 195 ए (झूठे साक्ष्य देने की धमकी देना) और 34 (सामूहिक इरादा) के तहत अरोप लगाए गए हैं।
नोटिस मिलने के बाद वे बारासात अदालत में पेश हुए और सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बिना किसी शर्त के उन्हें जमानत दे दी। उनके वकील शिवाशीष पटनायक डे ने यह जानकारी दी।
घोष ने उसी लड़की से शादी की थी जिसने उन पर बलात्कार के आरोप लगाए थे और मामला खारिज होने के बाद उस लड़की ने इस ओलंपियन के खिलाफ नए आरोप लगा दिए थे।