इस कारण स्विस विश्व कप में भाग नही ले पाएंगे भारतीय तीरंदाज
भारत में बढ़ते कोरोना और यात्रा संबंधी प्रतिबंधों के कारण स्विटजरलैंड की दूतावास ने भारतीय तीरंदाजी टीम को वीजा जारी करने से इनकार कर दिया है।
नई दिल्ली| चार महिला सहित आठ भारतीय रिकर्व तीरंदाजी टीम वीजा नहीं मिलने के कारण 17 से 23 मई तक ल्यूसाने में होने वाले विश्व कप (दूसरे चरण) में भाग नहीं ले पाएंगे। भारत में बढ़ते कोरोना और यात्रा संबंधी प्रतिबंधों के कारण स्विटजरलैंड की दूतावास ने भारतीय तीरंदाजी टीम को वीजा जारी करने से इनकार कर दिया है। इसके बाद भारतीय तीरंदाजी संघ ने विदेश मंत्रालय से वीजा दिलाने के लिए गुहार लगाई है।
भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के महासचिव प्रमोद चंदुरकर ने आईएएनएस से कहा, " भारत में कोडि-19 की दूसरी लहर के कारण यूरोपीय राष्ट्र वीजा से इनकार कर रहे हैं। यहां तक कि अगर हम यात्रा करते हैं, तो स्विट्जरलैंड में 10 दिनों तक क्वारंटीन में रहना होगा। समय बीतने के साथ, सबसे अच्छा विकल्प प्रतियोगिता को छोड़ना और जून में विश्व कप के पेरिस संस्करण पर ध्यान केंद्रित करना था, जो एक ओलंपिक क्वालीफाई प्रतियोगिता भी है।"
पुरुष रिकर्व टीम 23 जुलाई से होने वाले टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी है, जबकि महिला रिकर्व टीम को अभी क्वालीफाई करना बाकी है। व्यक्तिगत स्पर्धा में अब तक दो बार की ओलंपियन दीपिका कुमार ने ही टोक्यो ओलंपिक के लिए कोटा हासिल किया है ।
महासचिव ने कहा, " राष्ट्रीय टीम ने ग्वाटेमाला सिटी में हाल ही में संपन्न विश्व कप स्टेज 1 में अच्छा प्रदर्शन किया था। भारतीय टीम ने तीन स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता था। पुणे में राष्ट्रीय शिविर में शामिल होने वाले तीरंदाजों को सात दिनों की क्वारंटीन से गुजरना पड़ा था। लॉजेन विश्व कप में भाग लेना एक अच्छा अभ्यास सत्र हो सकता था लेकिन फिर यूरोप की यात्रा करना और क्वारंटीन से गुजरना भी थकाऊ हो सकता था।"
21 से 27 जून तक पेरिस में होने वाले ओलंपिक क्वालीफाइंग विश्व कप से पहले यह विश्व कप महिला तीरंदाजों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसी टूर्नामेंट में भारतीय महिला टीम के पास ओलंपिक कोटा हासिल करने का मौका है।