मर्सिन (तुर्की): चोट के कारण दो साल बाद वापसी कर रही भारत की स्टार महिला जिम्नास्ट दीपा करमाकर ने एफआईजी आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक वर्ल्ड चैलेंज कप में स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया है। दीपा ने रविवार को यहां आयोजित इस टूर्नामेंट के वॉल्ट इवेंट में स्वर्ण पदक पर कब्जा किया।
त्रिपुरा की 24 वर्षीय जिम्नास्ट ने 14.150 अंकों के साथ स्वर्ण पदक पर कब्जा किया जबकि क्वॉलिफिकेशन राउंड में वह 13.400 अंकों के साथ शीर्ष पर रही थी। यह वर्ल्ड चैलेंज कप में दीपा का पहला मेडल है।
मोदी ने दीपा को स्वर्ण पदक जीतने पर दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्टार जिम्नास्ट दीपा करमाकर को तुर्की में एफआईजी कलात्मक वर्ल्ड चैलेंज कप की वाल्ट स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘भारत को दीपा करमाकर पर गर्व है। तुर्की के मर्सिन में एफआईजी वर्ल्ड चैलेंज कप में वाल्ट स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर उन्हें बधाई। यह जीत उनकी हार नहीं मानने के रवैये और दृढ़ता का शानदार उदाहरण है।’’
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी दीपा की तारीफ करते हुए कहा कि उसने चोट के बाद वापसी करते हुए धमाकेदार वापसी की है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘दीपा करमाकर एक दमदार चैम्पियन हैं। पिछले दो साल से चोट से जूझने के बाद उसने वापसी करते हुए तुकी में जिम्नास्टिक्स वर्ल्ड चैलेंज कप में अपना पहला पदक जीता। देश को गौरवान्वित करने के लिए उसे बधाई।’’
दीपा ने बैलेंस टीम इवेंट के फाइनल में भी जगह बनाई थी लेकिन क्वॉलिफिकेशन राउंड में वह 11.850 अंकों के साथ तीसरे पायदान पर रहीं।
दीपा 2016 में रियो ओलिंपिक के वॉल्ट इवेंट में चौथे स्थान पर रही थीं। उन्हें अगस्त में इंडोनेशिया की राजधानी जर्काता में होने वाले एशियन गेम्स के लिए 10 सदस्यीय भारतीय जिम्नास्टिक टीम में भी शामिल किया गया है।