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कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद ओलंपिक के आयोजन की तैयारी से निराश है जापान की जनता

जापान की सिर्फ एक प्रतिशत जनता का टीकाकरण हो पाया है जबकि टीके की लाखों डोज फ्रीजर में रखी हुई हैं। सुगा के इस आग्रह से लोगों की हताशा बढ़ रही है कि वायरस से जुड़े और आपात नियमों को अपनाएं जबकि लगभग दो महीने में शुरू होने वाले ओलंपिक के लिए संसाधन झो

Corona cases, Japan, Olympics, Tokyo Olympic, sports- India TV Hindi Image Source : AP Tokyo Olympic

जापान के समाचार पत्र में पूरे पन्ने के विज्ञापन में कहा गया है कि देश के लोग ‘राजनीति से मारे जाएंगे’ क्योंकि सरकार उन्हें टीके के बिना महामारी का सामना करने के लिए बाध्य कर रही है। तीन लाख से अधिक लोगों ने याचिका पर हस्ताक्षर करके तोक्यो ओलंपिक को रद्द करने की मांग की है। 

एक स्टार तैयार पर खेलों से हटने का दबाव है। प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने इस बीच उलझन का सामना कर रहे सांसदों को यह कहकर नाराजगी और भ्रम पैदा कर दिया है कि ओलंपिक सुरक्षित होंगे जबकि कुछ अस्पताल बीमार और मरते हुए लोगों के लिए जगह का इंतजाम करने में नाकाम हो रहे हैं और बुधवार को जापान में और अधिक जगहों पर आपात स्थिति लगा दी गई। 

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जापान की सिर्फ एक प्रतिशत जनता का टीकाकरण हो पाया है जबकि टीके की लाखों डोज फ्रीजर में रखी हुई हैं। सुगा के इस आग्रह से लोगों की हताशा बढ़ रही है कि वायरस से जुड़े और आपात नियमों को अपनाएं जबकि लगभग दो महीने में शुरू होने वाले ओलंपिक के लिए संसाधन झोंके जा रहे हैं। 

इस आलोचनात्मक विज्ञापन में कहा गया, ‘‘टीका नहीं। दवाई नहीं। क्या हमें बांस के भालों से लड़ना है? चीजें नहीं बदली तो हम राजनीति के कारण मर जाएंगे।’’ 

इस विज्ञापन में द्वितीय विश्व युद्ध के समय की जापान के बच्चों की तलवार के आकार की लकड़ी ‘नेगिनाटा’ के साथ अभ्यास करती हुई तस्वीर पर लाल कोरोना वायरस की छवि बनी है।