नई दिल्ली| टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की मिडफील्डर सलीमा टेटे में मंगलवार को कहा कि उनकी टीम भले ही पदक से चूक गई पर आने वाले समय में महिला हॉकी का भविष्य उज्जवल है। भारत ने ओलंपिक में दुनिया की कुछ शीर्ष टीमों को कड़ी टक्कर दी और इतिहास बनाया। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में तीन बार के ओलंपिक चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हराया और अर्जेंटीना के खिलाफ अपना पहला ओलंपिक सेमीफाइनल खेला।
19 वर्षीय ने टेटे ने कहा, टोक्यो में जब हम कांस्य पदक के मैच में ग्रेट ब्रिटेन से हार गए थे, तो हम वास्तव में निराश थे। भले ही हमने पदक नहीं जीता, लेकिन हम जिस तरह टोक्यो में खेले, उससे निश्चित रूप से काफी आत्मविश्वास मिला है और भविष्य में यह हमें बेहतर परिणाम देने में मदद करने वाला है।
टेटे ने कहा कि वह बहुत कम उम्र में ओलंपिक खेलों में खेलने का मौका पाकर खुद को भाग्यशाली महसूस करती हैं। उन्होंने कहा, "ओलंपिक खेल किसी भी खिलाड़ी के लिए सबसे बड़ा टूर्नामेंट है और मैं अपने देश के लिए सबसे बड़े स्तर में प्रदर्शन करने का अवसर पाकर बहुत धन्य महसूस कर रही हूं।"
टेटे ने कहा, मैंने उच्च दबाव वाली परिस्थितियों में खेलकर बहुत कुछ सीखा है और मैं निश्चित रूप से आगामी प्रतियोगिताओं में मेरी सीख का उपयोग करुं गी। जब आप सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ खेलते हो तो बहुत कुछ सीखने को मिलता है और जिस तरह से हमने अपने प्रत्येक प्रतिद्वंद्वियों को टोक्यो में नॉक-आउट चरण में कड़ी टक्कर दी, उससे हम बहुत खुश हैं।
वह सबसे महत्वपूर्ण बात क्या थी जिसने भारत को ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की यह पूछे जाने पर टेटे ने कहा, हमने विरोधियों पर हमला करने का एक तरीका खोजा। हमने कई गोल-स्कोरिंग अवसर बनाए और सुनिश्चित किया कि हम अपने पेनल्टी कॉर्नर अच्छी तरह से करें और हमने मैदान पर अपना सब कुछ दिया, चाहे कोई भी स्थिति हो हमने कभी हार नहीं मानी।