कॉमनवेल्थ गेम्स में किया था तिरंगे का सिर ऊंचा, दिल्ली सरकार ने अभी तक नहीं दिया नकद पुरस्कार
दिल्ली की मनिका ने इन खेलों में चार पदक अपने नाम किये थे जिसमें दो स्वर्ण (टीम और व्यक्तिगत), एक रजत (युगल) और कांस्य (मिश्रित युगल) शामिल हैं।
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने मनिका बत्रा को अभी तक नहीं दिया नगद राशि का पुरस्कार नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रही मनिका बत्रा को दिल्ली सरकार ने तीन महीने बीत जाने के बाद भी नगद राशि से सम्मानित नहीं किया। दिल्ली की मनिका ने इन खेलों में चार पदक अपने नाम किये थे जिसमें दो स्वर्ण (टीम और व्यक्तिगत), एक रजत (युगल) और कांस्य (मिश्रित युगल) शामिल हैं।
दिल्ली सरकार की मौजूदा नीति के मुताबिक राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 14 लाख रुपये, रजत पदक विजेता को 10 लाख रुपये और कांस्य पदक विजेता को छह लाख रुपये की ईनामी राशि दिये जाने का प्रावधान हैं। ये राशि हालांकि हरियाणा और तमिलनाडु के खिलाड़ियों को मिलने वाली राशि से काफी कम हैं। इससे संबंधित एक संशोधित प्रस्ताव दिल्ली सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। हरियाणा में स्वर्ण पदक विजेता को 1.5 करोड़ और तमिलनाडु में 50 लाख रुपये की ईनामी राशि दी जाती हैं।
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक (खेल) धर्मेन्द्र सिंह ने इस बात की पुष्टि की कि मनिका की फाइल को मंत्रिमंडल को मंजूरी के लिए भेजा गया है।
सिंह ने पीटीआई से कहा, ‘‘आप जिस फाइल के बारे में पूछा रहे है उसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के पास भेजा गया है। इस खिलाड़ी के करीबी सूत्र ने बताया कि संशोधित प्रस्ताव के मुताबिक मनिका को दिल्ली सरकार से ईनाम के तौर पर 1.7 करोड़ रुपये मिलेंगे। दो स्वर्ण के लिए 50-50 लाख रुपये, रजत के लिए 40 लाख और कांस्य के लिए 30 लाख रुपये।
टेबल टेनिस महासंघ द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में कल रात मनिका ने उम्मीद जतायी कि दिल्ली सरकार उन्हें जल्द ही ईनामी राशि देगी।
इंडोनेशिया में होने वाले एशियाई खेलों की तैयारी में लगी मनिका ने कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि यह अभी तक क्यों नहीं हुआ लेकिन मुझे पता है कि यह होगा।’’
केन्द्र सरकार ने इन खेलों के समाप्त होने के 15 दिनों के बाद पदक विजेताओं का सम्मान किया था। मनिका ने राष्ट्रमंडल खेलों के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मुलाकात भी की थी और दोनों ने उन्हें ‘‘पूरा साथ’’ देने का भरोसा दिया था। टीटीएफआई के सचिव एमपी सिंह ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह पहले ही हो जाना चाहिए था। ज्यादातर राज्यों ने पदक विजेताओं को सम्मानित कर दिया हैं।’’