पैरालिम्पिक्स में रजत पदक विजेता दीपा मलिक ने सोमवार रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है। इसी के साथ उन्होंने आज राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुसार भारत के पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष के रूप में अपने पद को ग्रहण करने की घोषणा की। नेशनल स्पोर्ट्स कोड के अनुसार कोई भी खिलाड़ी अपने करियर के दौरान किसी भी महासंघ में आधिकारिक पद नहीं ले सकता।
दीपा मलिक ने ट्वीट करते हुए लिखा "चुनाव के लिए मैंने पीसीआई को काफी पहले ही पत्र सौंप दिया था। मैं नई समिति को मान्यता देने के संबंध में उच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार किया और अब केंद्रीय खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त करने के लिए मैं खेल से संन्यास की घोषणा करती हूं। अब पैरा-खेलों की सेवा करने और बाकी खिलाड़ियों की मदद करने का वक्त आ गया है।"
दीपा पैरालम्पिक खेलों में पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी हैं। उन्होंने रियो पैरालम्पिक-2016 में गोलाफेंक में रजत पदक जीता था। उन्होंने पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री में एफ-53/54 कैटेगरी में भालाफेंक में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
पिछले साल 29 अगस्त को उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड मिला था। वह यह अवार्ड पाने वाली भारत की दूसरी पैरा-एथलीट थीं। उनसे पहले भालाफेंक खिलाड़ी देवेंद्र झाजरिया ने 2017 में यह पुरस्कार अपने नाम किया था।
इससे पहले दीपा को 2012 में अर्जुन अवार्ड और 2017 में पद्मश्री अवार्ड मिला था। 49 साल की दीपा के पास 58 राष्ट्रीय और 23 अंतर्राष्ट्रीय पदक हैं।
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