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दीपा मलिक ने कहा मेरे सपने साकार हो रहे हैं

टोक्यो पैरालिंपिक 24 अगस्त से 5 सितंबर तक आयोजित किया था, लेकिन पैरा-एथलीटों के प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की घोषणा में देरी हुई।

Deepa Malik said my dreams are coming true- India TV Hindi Image Source : TWITTER Deepa Malik said my dreams are coming true

नई दिल्ली। टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन कर अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस कामयाबी पर खुशी जताते हुए भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की अध्यक्ष दीपा मलिक को लगता है कि उनके सपने साकार हो रहे हैं, क्योंकि पैरा-एथलीटों को भी उनकी खेल की वजह से बराबर सम्मान और प्रशंसा मिल रही है।

टोक्यो पैरालिंपिक 24 अगस्त से 5 सितंबर तक आयोजित किया था, लेकिन पैरा-एथलीटों के प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की घोषणा में देरी हुई। भारत ने पैरालिंपिक में जबरदस्त प्रदर्शन किया। उन्होंने इस टूर्नामेंट में पांच स्वर्ण सहित 19 पदक हासिल किए। इन पदकों के साथ भारत 24वें स्थान रहा, जो अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है।

इसलिए, स्वर्ण पदक जीतने वाले सभी पांच पैरा-एथलीटों, प्रमोद भगत (बैडमिंटन), सुमित अंतिल (एथलेटिक्स), अवनी लेखारा (शूटिंग), कृष्णा नगर (बैडमिंटन) और मनीष नरवाल (शूटिंग) को भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान मेजर ध्यानचंद खेल रत्न के लिए चुना गया है।

वहीं, आठ पैरालिंपियन, योगेश कथुनिया (चक्का फेंक), निषाद कुमार (हाई जम्प), प्रवीण कुमार (हाई जम्प), शरद कुमार (हाई जम्प), सुहास एलवाई (बैडमिंटन), सिंहराज अधाना (शूटिंग), भावना पटेल (टेबल टेनिस) ) और हरविंदर सिंह (तीरंदाजी) को अर्जुन पुरस्कार के लिए चुना गया है।

दीपा मलिक ने आईएएनएस को बताया, हमें एक मौका दें और हम अपनी क्षमता दिखाएंगे। हाल में ही पीएम मोदी और सभी खेल मंत्रियों ने पैरालंपिक में किए शानदार प्रदर्शन का जश्न मनाया। साथ ही पैरा-एथलीटों को सम्मान भी दिया गया। मुझे लगता है कि यह मेरे लिए सपना है जो मैंने तब देखा था जब मैंने 16 साल पहले पैरा-एथलीट के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व करना शुरू किया था।

उन्होंने आगे कहा, मैं अपने सपने को साकार होते देख रही हूं और मैं भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अध्यक्ष के रूप में खुश हूं, मैं बदलाव का एक छोटा सा हिस्सा बन सकती हूं। हम सम्मान का हकदार है और पूरी दुनिया पैरा-एथलीट चैंपियनों की प्रशंसा कर रही है।

पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मलिक ने यह भी बताया कि ये पुरस्कार दिव्यांग लोगों को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करेगा।

मलिक ने कहा, जब आप पैरा-स्पोर्ट्स में अपना भविष्य देखते हैं, जब आपको पैरा-स्पोर्ट्स में सम्मान और पहचान मिलती है, जब आपको पैरास्पोर्ट्स में नौकरी के अवसर मिलते हैं। स्वाभाविक रूप से, हमारे पास और अधिक टाइलेंट सामने आते हैं। मेरा सपना भारत को टॉप पर देखना है। हमारे पास पैरालिंपिक में जितने अधिक पैरा-एथलीट होंगे, हम उतना ही अधिक मेडल जीत सकेंगे।

आगामी नजीर हुसैन मेमोरियल ड्राइव में प्रसिद्ध पैरा एथलीट मलिक एक महिला टीम की ओर हिस्सा लेंगी। जिसका शुभांरभ 8 नवंबर से होने वाला है। इसका आयोजन भारतीय मोटरस्पोर्ट के दिग्गज नजीर हुसैन को श्रद्धांजलि देने के लिए किया जा रहा है।

इस बारे में मलिक ने कहा, मैं महिलाओं और विशेष रूप से दिव्यांग महिलाओं की धारणा को बदलने के लिए इस रैसिंग में शामिल होने जा रही हूं। मुझे उम्मीद है कि यह पहल मोटरस्पोर्ट में महिलाओं के लिए अधिक से अधिक करियर विकल्पों को खोलेगा। यहां बहुत सारे लोग हैं। जो सोचते हैं कि महिलाएं रेसिंग में करियर नहीं बना सकतीं और इस कदम का उद्देश्य ऐसी धारणाओं को बदलना है।