भारत की डबल्स बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए साइना नेहवाल के पिता को खेल गांव में एंट्री न मिलने को लेकर नेहवाल पर हमला बोला है. उन्होंने साइना की खेल छोड़ने की धमकी को लेकर सोशल मीडिया पर कहा कि उनके घर वाले मैच के टिकट ख़रीदते हैं और वे होटल में रुकते हैं. आपको जब कार्यक्रम के बारे में मालूम होता है तो आप उसके लिए पहले से ही बंदोबस्त क्यों करते हैं? धमकी देना सही है क्या?
ग़ौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड स्थित गोल्ड कोस्ट शहर में 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत आज से हो रही है, जो 15 अप्रैल तक चलेंगे. गेम्स से पहले साइना के पिता हरवीर सिंह नेहवाल को खेल परिसर में एंट्री नहीं मिली थी. इसी वजह से विवाद खड़ा हो गया था. साइना ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर इस मुद्दे को उठाया था. बाद में गुट्टा ने बगैर नाम लिए उन पर पलटवार किया.
साइना ने इससे पहले कुछ ट्वीट किए थे. उन्होंने कहा था, “मेरे पिता मेरे मैच नहीं देख सकते. वह मुझसे मुलाकात भी नहीं कर सकते. यह कैसी मदद है?” वह आगे बोलीं, “मैं पिता को अपने मैचों में ले जाती हूं. मुझे उस दौरान उनके साथ की ज़रूरत होती है. समझ में नहीं आ रहा कि अगर ऐसा होना था तो मुझे पहले क्यों नहीं बताया.”
मंगलवार को गुट्टा ने कहा, “मेरे घर वाले टिकटों के लिए हमेशा रुपए चुकाते हैं. वे होटल में ठहरते हैं. मुझे नहीं पता कि किस चीज़ का वादा किया और क्या मांग थी? लेकिन जब आपको तारीखों के बारे में पता है, तो क्या उसके लिए पहले से तैयारी नहीं की जा सकती है, धमकी देकर खेल को अस्त-व्यस्त करने के बजाय. है कि नहीं?”
दिनभर के अंदर यह विवाद खत्म हो गया. मंगलवार खेल परिसर में उनके पिता को एंट्री दे दी गई थी. साइना ने इस मदद के लिए इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (आईओए) को धन्यवाद कहा था.