CWG 2018: रानी के गोल से भारतीय महिला हाकी टीम 12 साल बाद सेमीफाइनल में
कप्तान रानी के 47वें मिनट में किये गये गोल की बदौलत भारतीय महिला हाकी टीम ने आज यहां दक्षिण अफ्रीका को 1-0 से हराकर 12 साल बाद राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
गोल्ड कोस्ट: कप्तान रानी के 47वें मिनट में किये गये गोल की बदौलत भारतीय महिला हाकी टीम ने आज यहां दक्षिण अफ्रीका को 1-0 से हराकर 12 साल बाद राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। मैनचेस्टर राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय टीम को अंतिम चार में जगह बनाने के लिये इस मैच में ड्रा की जरूरत थी लेकिन रक्षापंक्ति के शानदार खेल और रानी के गोल की मदद से वह तीन अंक हासिल कने में सफल रही। इस जीत से भारत ने पूल ए में नौ अंकों के साथ दूसरे नंबर पर रहते हुए सेमीफाइनल में जगह बनायी। इंग्लैंड के भी नौ अंक हैं लेकिन बेहतर गोल अंतर के कारण वह शीर्ष पर रहा। भारतीय टीम 12 अप्रैल को होने वाले सेमीफाइनल में पूल बी से शीर्ष पर रहने वाले मेजबान आस्ट्रेलिया से भिड़ेगा।
भारत के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने सेमीफाइनल में जगह बनाने पर अपने खिलाड़ियों की तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम पहले मैच में वेल्स से हार गये थे तो वह हमारे लिये मुश्किल क्षण था, लेकिन लड़कियों ने अपना ध्यान बनाये रखा। आज का मैच काफी कड़ा था लेकिन लड़कियों ने अच्छा खेल दिखाया। मुझे उनके प्रदर्शन पर गर्व है।’’
भारत और दक्षिण अफ्रीका के मैच में दोनों टीमें पहले तीन क्वार्टर तक गोल नहीं कर पायी। दोनों टीमों ने इस बीच मौके बनाये लेकिन कोई भी उनका फायदा नहीं उठा पायी। भारत को इस क्वार्टर में पेनल्टी कार्नर भी मिला लेकिन रानी के ड्रैग फ्लिक को दक्षिण अफ्रीकी गोलकीपर फुमेलेजा मबांडे ने रोक दिया जबकि वंदना कटारिया का रिबाउंड क्रास बार से टकरा गया। दक्षिण अफ्रीका ने भी 13वें मिनट में पेनल्टी कार्नर हासिल किया लेकिन सविता ने उस पर अच्छा बचाव कर भारत पर से संकट टाला।
दूसरे क्वार्टर में भी दोनों टीमों ने गोल करने के लिये अपनी तरफ से अच्छे प्रयास किये। वंदना और नमिता टोप्पो एक बार गोल करने की स्थिति में भी पहुंची लेकिन वे मबांडे को छकाने में नाकाम रही।
भारत ने लगातार दबाव बनाया। इस बीच उसके रक्षकों ने भी अच्छा खेल दिखाया। विश्व में 14वें नंबर के दक्षिण अफ्रीका को पहले दो मिनट में तीन पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन गोलकीपर सविता ने फिर से बेहतरीन बचाव किये। भारत ने भी पेनल्टी कार्नर हासिल किया लेकिन गुरजीत कौर का शाट क्रास बार से टकरा गया।
आखिर में चौथे क्वार्टर के शुरू में भारत महत्वपूर्ण गोल करने में सफल रहा जो आखिर में निर्णायक साबित हुआ। नवनीत कौर बायें छोर से गेंद लेकर आगे बढ़ी। उन्होंने वंदना को गेंद थमायी जिन्होंने उसे सर्किल के अंदर खड़ी रानी को पहुंचाया और भारतीय कप्तान ने उस पर गोल करने में कोई गलती नहीं की। दक्षिण अफ्रीका ने वापसी के लिये काफी प्रयास किये लेकिन भारतीय रक्षकों ने उनके हर हमले को सफलतापूर्वक नाकाम किया।