आलोचना या उम्मीदों के बोझ से विश्व चैंपियन शटलर पीवी सिंधू पर कोई असर नहीं पड़ता और उन्होंने कहा कि वह इस साल तोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने के लिये अपने खेल में सुधार करने पर ध्यान दे रही हैं। सिंधू ने 2019 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता लेकिन सत्र के बाकी टूर्नामेंटों में से अधिकतर में वह शुरुआती दौर से आगे बढ़ने में नाकाम रही।
इनमें पिछले महीने विश्व टूर फाइनल्स भी शामिल हैं जिसमें वह अपना खिताब नहीं बचा पायी। सिंधू ने कहा, ‘‘विश्व चैंपियनशिप मेरे लिये वास्तव में शानदार रही लेकिन इसके बाद मैं पहले दौर में हारती रही। इसके बावजूद मैंने खुद को सकारात्मक बनाये रखा। आप सभी मैच जीतो यह संभव नहीं है। कुछ अवसरों पर आप बेहतरीन खेल दिखाते हो लेकिन कभी आप गलतियां भी करते हो। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इन गलतियों से काफी कुछ सीखा। मेरे लिये सकारात्मक बने रहना और दमदार वापसी करना महत्वपूर्ण है। ’’ सिंधू ने कहा कि वह अपनी कमियों को दूर करने के लिये तकनीकी पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझसे निश्चित तौर पर काफी उम्मीदें होंगी लेकिन दबाव और आलोचना मुझे प्रभावित नहीं करती क्योंकि लोग मुझसे हमेशा जीत की उम्मीद करते हैं। ओलंपिक किसी के लिये भी अंतिम लक्ष्य होता है। ’’
सिंधू ने कहा, ‘‘हम तकनीक और कौशल पर काफी काम कर रहे हैं और सब कुछ सुनियोजित होगा और ओलंपिक सत्र में सब कुछ अच्छा होगा। ’’ रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली 24 वर्षीय हैदराबादी के पास तोक्यो में पदक जीतकर पहलवान सुशील कुमार की बराबरी करने का मौका रहेगा जिन्होंने 2008 और 2012 में ओलंपिक पदक जीते थे।
सिंधू ने कहा, ‘‘उन्होंने (सुशील) वास्तव में देश के लिये बहुत अच्छा काम किया है और मुझे उम्मीद है कि मैं भी तोक्यो में पदक जीतने में सफल रहूंगी। मैं दूसरों के बारे में नहीं सोचती। मैं कदम दर कदम आगे बढ़ने में विश्वास करती हूं। इसलिए मुझे लगता है कि मुझे कड़ा अभ्यास और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की जरूरत है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह हालांकि आसान नहीं होगा। इस बार 2020 में हम जनवरी में मलेशिया और इंडोनेशिया से शुरुआत करेंगे। इसके अलावा ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिये कुछ टूर्नामेंट हैं। इसलिए हमारे लिये सभी टूर्नामेंट महत्वपूर्ण होंगे। ’’