पेरिस। कोरोना वायरस महामारी की वजह से ओलंपिक शुरू होने में एक और बाधा उत्पन्न हो गई है। दरअसल, इस महामारी के कारण दुनियाभर में लगी पाबंदियों की जवह से डोपिंग परीक्षण की संख्या में काफी कमी आई है। तोक्यो ओलंपिक खेलों का आयोजन 24 जुलाई से नौ अगस्त तक किया जाना है लेकिन शुक्रवार से ही कई खेल संस्थायें और खिलाड़ी महासंघ इनके स्थगन का आग्रह कर रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (आईटीए) ने खेलों से पहले काफी व्यस्त कार्यक्रम की योजना बनायी थी लेकिन अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी की डोपिंग रोधी संस्थाओं ने घोषणा की कि पिछले कुछ दिनों में वे शीर्ष स्तरीय खिलाड़ियों के परीक्षण कम कर पा रहे हैं। चीन की डोपिंग रोधी एजेंसी ने फरवरी के शुरू में ही अपनी गतिविधियां बंद कर दी थीं।
इसका मुख्य कारण यात्रा संबंधित पांबदियां हैं जो कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लगायी गयी हैं। इस वायरस से दुनिया भर में 12,800 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के अध्यक्ष वटोल्ड बांका ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हमारी पहली प्राथमिकता लोगों का स्वास्थ्य और सुरक्षा होनी चाहिए।’’
जर्मन डोपिंग रोधी एजेंसी ने कहा कि खून और मूत्र के नमूने के परीक्षण इस समय काफी कम लिये जा रहे हैं जो खिलाड़ियों की स्टेराइड या इपीओ की जांच के लिये होते हैं।
(With PTI Inputs)