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Hindi News खेल अन्य खेल स्विस सुप्रीम कोर्ट से हार के बाद ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट सेमेन्या के भविष्य पर लटकी तलवार, जानिए मामला

स्विस सुप्रीम कोर्ट से हार के बाद ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट सेमेन्या के भविष्य पर लटकी तलवार, जानिए मामला

स्विट्जरलैंड के सुप्रीम कोर्ट ने दो बार की ओलंपिक चैंपियन कास्टर सेमेन्या की उच्च टेस्टोस्टेरोन स्तर को लेकर दायर की गयी याचिका नामंजूर करके इस एथलीट के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है। 

Caster Semenya- India TV Hindi Image Source : GETTY IMAGES Caster Semenya

जेनेवा| स्विट्जरलैंड के सुप्रीम कोर्ट ने दो बार की ओलंपिक चैंपियन कास्टर सेमेन्या की उच्च टेस्टोस्टेरोन स्तर को लेकर दायर की गयी याचिका नामंजूर करके इस एथलीट के भविष्य पर सवालिया निशान लगा दिया है। सेमन्या इस तरह से ट्रैक एवं फील्ड में महिलाओं के लिये सीमित टेस्टोस्टेरोन के नियम के खिलाफ अपनी लंबी कानूनी जंग हार गयी।

इससे पहले खेल पंचाट ने सेमेन्या के खिलाफ फैसला दिया था जिसे इस दक्षिण अफ्रीकी एथलीट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। स्विस अदालत ने खेल पंचाट के फैसले को बनाये रखा है। पंचाट ने एथलेटिक्स की संचालन संस्था के नियमों को सही करार दिया था जिससे यौन विकास में अंतर (डीएसडी) वाली महिला धाविकाएं प्रभावित होती हैं। इस नये फैसले का मतलब है कि सेमेन्या अगर दवाईयों या आपरेशन के जरिये अपने टेस्टोस्टेरोन स्तर को कम करने पर सहमत नहीं होती तो फिर वह अगले साल तोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में 800 मीटर के स्वर्ण पदक का बचाव नहीं कर पाएगी।

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यह 29 वर्षीय दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी शुरू से कहती रही हैं कि वह ऐसा नहीं करेगी और उन्होंने मंगलवार को अपने वकील के जरिये अपने रुख को दोहराया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस फैसले से बेहद निराश हूं लेकिन मैं किसी तरह की दवाईयां नहीं लूंगी। महिला एथलीटों को बाहर करना या हमारे स्वास्थ्य को केवल इसलिए खतरे में डालना क्योंकि हमारी नैसर्गिक क्षमता विश्व एथलेटिक्स को इतिहास के गलत पक्ष में रखती है।’’

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टेस्टोस्टेरोन एक हार्मोन है जो मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करता है तथा इसको बढ़ाने के लिये दवाईयों का सेवन करना या इंजेक्शन लेना डोपिंग के अंतर्गत आता है।