वाशिंगटन। फीफा अध्यक्ष जियानी इनफैनटिनो ने कहा है कि मैचों के दौरान जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में प्रदर्शन करने वाले बुंदेसलीगा के खिलाड़ियों को सजा नहीं बल्कि तारीफ मिलनी चाहिये। जर्मनी के बुंदेसलीगा के चार युवा फुटबॉलरों ने अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति फ्लॉयड की मौत और पुलिस के हाथों अन्य अश्वेत लोगों की हत्या के विरोध में बयान देते हुए इंसाफ की मांग की थी। इंग्लैंड के 20 वर्ष के विंगर जाडोन सांचो , मोरक्को के 21 साल के राइट बैक अशरफ हकीमी और 22 साल के मार्कस थुरम ने रविवार को मैदान पर बयान दिया। इससे पहले शाल्के के अमेरिकी मिडफील्डर वेस्टन मैकेनी ने विरोध जताया था।
बोरूसिया डार्टमंड के खिलाफ हैट्रिक लगाने वाले सांचो ने पहले गोल के बाद जर्सी उतारी तो उनके टीशर्ट पर हाथ से लिखा था ‘जस्टिस फोर जॉर्ज फ्लॉयड।’ इसके लिये इनकी शिकायत दर्ज कराई गई है। ट्विटर पर उन्होंने लिखा,‘‘पहली पेशेवर हैट्रिक। खट्टा मीठा अनुभव क्योंकि दुनिया में और भी महत्वपूर्ण चीजें हो रही है। हमें उन पर अपनी राय रखनी होगी। सभी को एक होकर इंसाफ के लिये लड़ना होगा।’’
अश्वेत व्यक्ति फ्लॉयड की मौत पिछले सप्ताह मिनीपोलिस में हो गई थी। एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने अपने घुटने से उनकी गर्दन को दबाए रखा था जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत हुई और उनकी मौत हो गई। फ्लॉयड की मौत के बाद पूरी दुनिया में विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
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थुरम ने गोल करने के बाद मैदान पर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया जबकि मैकेनी ने बांह पर पट्टी बांधी हुई थी जिस पर लिखा था ‘जस्टिस फोर जॉर्ज।’
इनफैनटिनो ने कहा,‘‘इसमें कोई शक नहीं कि बुंदेसलीगा मैचों के दौरान प्रदर्शन करने वाले इन खिलाड़ियों को सजा नहीं मिलनी चाहिये बल्कि ये तारीफ के हकदार हैं।’’
फीफा द्वारा जारी एक बयान में इनफैनटिनो ने यह कहा। फीफा के सभी 211 सदस्य संघों को भेजे जाने वाले पत्र में यह बयान होगा। यूरोपीय फुटबॉल की शीर्ष ईकाई युएफा पहले ही मैचों के दौरान फ्लॉयड को श्रृद्धांजलि देने की अनुमति दे चुका है। वहीं इंग्लिश फुटबाल संघ ने फीफा के रूख का अनुसरण करने की बात कही थी।