सेंट पीटर्सबर्ग: फ्रांस के चार गोल ने लियोनल मैसी के चौथे विश्व कप अभियान का अंत किया और संभवत: इस निराशा के साथ उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर का भी अंत हो सकता है।नाइजीरिया के खिलाफ मैसी ने विश्व कप 2018 का अपना एकमात्र गोल दागकर टीम को प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंचाया और कजान में अर्जेन्टीना के हजारों प्रशंसक मैसी की अगुआई में टीम की एक और जीत देखने आए थे।
मैसी ने अंतिम 16 के मुकाबले में दो गोल में मदद करके अपनी भूमिका निभाई लेकिन अर्जेन्टीना का डिफेंस फ्रांस के आक्रमण का सामना करने में विफल रहा जिसने 19 साल के काइलियान मबापे के दो गोल की बदौलत 4-3 से जीत दर्ज की। विश्व कप के बाद अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल खेलते रहने के बारे में मैसी ने रूस के लिए रवाना होने से पूर्व कहा था,‘‘यह इस पर निर्भर करता है कि हम कैसा प्रदर्शन करते हैं, इसका अंत कैसे होता है।’’
मैसी के चार विश्व कप अभियान में यह टीम का सबसे खराब प्रदर्शन है। टूर्नामेंट के दौरान 31 बरस के हुए मैसी से उम्मीद की जा रही थी कि वह चार साल पहले फाइनल में जगह बनाने के प्रदर्शन में सुधार करते हुए इस बार खिताब जीतकर 1986 के डिएगो मैराडोना के खिताब के समकक्ष पहुंच जाएंगे।
बार्सिलोना की ओर से क्लब स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले मैसी को हालांकि मैराडोना की तुलना में अर्जेन्टीना में कमतर आंका जाता है और इसका मुख्य कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दोनों का रिकॉर्ड है।
ब्राजील में 2014 विश्व कप फाइनल में जर्मनी के खिलाफ हार के बाद अर्जेन्टीना को 2015 कोपा अमेरिका और 2016 कोपा अमेरिका सेंटेनारियो के फाइनल में भी चिली के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।
मैसी 2016 फाइनल में पेनल्टी किक से चूक गए थे और इसके बाद उन्होंने भावनाओं में बहते हुए अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल ने संन्यास लेने का फैसला किया था लेकिन बाद में इस फैसले को बदल दिया था।