ओलंपिक में भाग लेने की तैयारी कर रहे पहलवान बजरंग पूनिया ने शनिवार को आश्वस्त किया कि उन्हें गंभीर चोट नहीं लगी है लेकिन उनके दाहिने घुटने को कितना नुकसान हुआ है यह सोमवार तक ही पता चलेगा क्योंकि सूजन (और दर्द) कम होने में कम से कम 48 घंटे लगते हैं।
बजरंग शुक्रवार शाम को रूस में एक टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में यूरोपीय अंडर -23 के रजत पदक विजेता अबुलमाजिद कुदीव के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करते हुए अपना दाहिना घुटना चोटिल कर बैठे। कुदीव ने बाउट के पहले दौर में ही बजरंग का दाहिना पैर जकड़ कर अचानक खींच लिया।
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बजरंग के दाहिने घुटने पर इसका प्रभाव पड़ा और वह लंगड़ा कर चलने लगे। उन्होंने चोट को गंभीर होने से बचाने के लिए उसी समय मुकाबले से हटने का फैसला किया। बजरंग से जब उनकी चोट की गंभीरता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कैसपियस्क (रूस) से पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ मैं ठीक हूं। खेल में ऐसा होता रहता है। ’’
बजरंग ने हालांकि अपनी चोट के बारे में विस्तार से नहीं बताया, लेकिन करीबी सूत्रों ने कहा कि यह एक अच्छा संकेत है कि वह बिना मदद के चल पा रहे हैं लेकिन उसका ठीक से आकलन करने में कम से कम दो दिन लगेंगे।
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सूत्र ने कहा, ‘‘ यह एक चोट है। अभी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। हम इस पर अगले 48 घंटों तक नजर रखेंगे और देखेंगे कि यह कैसा रहता है। सूजन के थोड़ा कम होने के बाद ही कुछ कह सकते है।’’
बजरंग ओलंपिक के लिए भारत के सबसे बड़े पदक दावेदारों में से एक है और वह पिछले एक महीने से रूस में अभ्यास कर रहे है।