कर्नाटक एथलेटिक्स संघ (केएए) और कई अन्य खिलाड़ियों ने अनुभवी एथलेटिक्स कोच पुरुषोत्तम राय के निधन पर शोक व्यक्त किया है, जिन्हें शनिवार को राष्ट्रीय खेल पुरस्कारो में द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाना था। उनका निधन शुक्रवार को बेंगलुरू में दिल का दौरा पड़ने से हुआ। वह 79 साल के थे।
केएए ने अपने सांत्वना संदेश में राय को एक समर्पित कोच बताते हुए कहा कि उन्होंने 1980 से 1990 के बीच राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई एथलीटों को प्रशिक्षित किया था। उन्हें शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों द्रोणाचार्य पुरस्कार (आजीवन) से सम्मानित किया जाना था।
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केएए ने बताया कि राय एथलेटिक्स में इस पुरस्कार को पाने वाले राज्य के तीसरे व्यक्ति है। इससे पहले एन लिंगप्पा और पिछले साल वीआर बीदू को यह पुरस्कार मिला था। द्रोणाचार्य पुरस्कार हासिल करने वाले
भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच हरेन्द्र सिंह ने भी राय के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘पुरुषोत्तम राय के निधन के बारे में सुनकर पीड़ा हुई। वह द्रोणाचार्य पुरस्कार के सच्चे और सबसे योग्य नामांकन थे।’’
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राय ने नेताजी खेल संस्थान से डिप्लोमा लेकर 1974 में कोचिंग कैरियर की शुरूआत की थी । उन्होंने ओलंपियन रिले धाविका वंदना राव, हेप्टाथलीट प्रमिला अयप्पा, अश्विनी नाचप्पा, मुरली कुटान, एम के आशा, जी जी प्रमिला को कोचिंग दी ।
वह 1987 विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप, 1988 एशियाई ट्रैक और फील्ड चैम्पियनशिप और 1999 दक्षिण एशियाई खेलों में भारतीय टीम के कोच भी रहे ।