जकार्ता। दो बार के पदकधारी विकास कृष्ण और सरजूबाला देवी सहित छह भारतीय मुक्केबाज आज यहां हुए एशियाई खेलों के ड्रा के बाद बाई मिलने से प्री क्वार्टरफाइनल में पहुंचे जबकि एक को सीधे अंतिम आठ चरण में प्रवेश मिला।
विश्व और एशियाई रजत पदकधारी सोनिया लाठेर (57 किग्रा) ने एक भी बाउट लड़े बिना क्वार्टरफाइनल में जगह बनायी और वह खेलों में पदक जीतने से महज एक जीत दूर हैं। एम सी मैरीकाम ने पिछले चरण में मुक्केबाजी का एकमात्र स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। पुरूषों के ड्रा में से सात में से पांच को पहले दौर में बाई मिली है।
राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदकधारी गौरव सोलंकी (52 किग्रा) और राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदकधारी मनोज कुमार (69 किग्रा) ही दो मुक्केबाज हैं जो कल राउंड 32 से शुरूआत करेंगे। गौरव अपने अभियान की शुरूआत जापान के रयोमेई तनाका के खिलाफ करेंगे जबकि मनोज का सामना भूटान के संगे वांगड़ी से होगा।
राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदकधारी अमित पांघल (49 किग्रा), कांस्य पदक विजेता मोहम्मद हसमुद्दीन (56 किग्रा) और धीरज रंगी (64 किग्रा) और विकास (75 किग्रा) 27 अगस्त को अपने वर्ग में अभियान शुरू करेंगे। विकास चारों में एकमात्र मुक्केबाज हैं जिनका प्रतिद्वंद्वी तय है। वह पाकिस्तान के अहमद तनवीर से भिड़ेंगे।
तीन बार के एशियाई पदकधारी शिव थापा (60 किग्रा) को भी बाई मिली लेकिन वह अन्य चार से पहले चीन के जुन शान के खिलाफ अपना अभियान शुरू करेंगे। अगर वह जीत जाते हैं तो क्वार्टरफाइनल में उनकी भिड़ंत जूनियर विश्व और एशियाई पदकधारी 18 वर्षीय कजाखस्तान के समाटाली तोल्टायेव से होगी।
महिलाओं में सरजूबाला देवी (51 किग्रा) 26 अगस्त को प्रीक्वार्टरफाइनल में ताजिकिस्तान की मदिना घाफोरोवा से भिड़ेंगी। पवित्रा (60 किग्रा) का सामना 25 अगस्त को राउंड16 में पाकिस्तान की रूखसाना परवीन से होगा। एशियाई खेलों में सात पुरूष और तीन महिला वजन वर्ग हैं।
भारत ने पिछले 2014 चरण में एक स्वर्ण और चार कांस्य पदक जीते थे। देश के पुरूष मुक्केबाजों ने अंतिम स्वर्ण पदक 2010 चरण में जीता था जब विजेंदर सिंह (75 किग्रा) और विकास (तब 60 किग्रा में) शीर्ष पर रहे थे।