Asian Games 2018: सिंधू और श्रीकांत के कंधों पर होगी भारतीय बैडमिंटन की चुनौती, इतिहास रचने का मौका
शानदार फॉर्म में चल रहे किदांबी श्रीकांत और पीवी सिंधु 18वें एशियाई खेलों में कल से शुरू हो रही बैडमिंटन स्पर्धा में भारतीय चुनौती की अगुवाई करेंगे जिसमें उनकी कोशिश पहला स्थान हासिल करने पर लगी होंगी।
जकार्ता। शानदार फॉर्म में चल रहे किदांबी श्रीकांत और पीवी सिंधु 18वें एशियाई खेलों में कल से शुरू हो रही बैडमिंटन स्पर्धा में भारतीय चुनौती की अगुवाई करेंगे जिसमें उनकी कोशिश पहला स्थान हासिल करने पर लगी होंगी। कल से बैडमिंटन की टीम स्पर्धायें शुरू हो रही हैं।
भारत ने 2014 में इंचियोन में हुए पिछले एशियाई खेलों में साइना नेहवाल और सिधू की अगुवाई में कांस्य पदक जीत कर 28 साल के पदकों का सूखा खत्म किया था। इससे पहले 1986 में प्रकाश पादुकोण और विमल कुमार की पुरूष टीम ने कांस्य पदक हासिल किया था।
एशियाई खेलों में बैडमिंटन में भारत ने अब तक कुल आठ पदक हासिल किये हैं जिसमें सैयद मोदी इकलौते ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने 1982 में एकल स्पर्धा में पदक हासिल किया है। सिंधू 23 अगस्त से शुरू हो रही एकल स्पर्धा में इस इंतजार को खत्म करना चाहेंगी। सिंधू और कंपनी की अगुवाई मे भारतीय टीम पिछले आयोजन में जीते कांस्य पदक के रंग को बदलना चाहेगी। पहले दौर में बाई मिलने के बाद टीम कल क्वार्टर फाइनल में जापान के खिलाफ अपने अभियान की शुरूआत करेगी।
इस साल उबेर कप का खिताब जीतने वाले जापान की टीम में शीर्ष एकल खिलाड़ी है जिसमें 2017 विश्व चैम्पियन नोजोमी ओकुहारा और विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज अकाने यामागुची के अलावा युगल रैंकिंग में नंबर एक और नंबर दो पर काबिज क्रमश: युकी फुकुशिमा एवं सायका हिरोता तथा मिसाकी मातसुतोमा एवं अयाका ताकाहाशी की जोडियां भी हैं।
सिंधू ने हालांकि पिछले महीने विश्व चैम्पियनशिप में फाइनल में पहुंचने के क्रम में नोजोमी और यामागुची को मात दी थी। इस भारतीय खिलाड़ी को टीम और एकल स्पर्धा में देश को स्वर्ण पदक सुनिश्चित करने के लिए एक बार फिर जापान के इन खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन करना होगा। टीम स्पर्धा का नतीजा युगल विशेषज्ञ अश्विनी पोनप्पा और एन सिक्की रेड्डी के प्रदर्शन पर भी निर्भर करेगा क्योंकि दोनों को अपने से बेहतर रैंकिंग वाले खिलाड़ियों से भिड़ना होगा।
पुरुष टीम का अभियान भी कल शुरू होगा जिसमें वह कमजोर माने जाने वाले मालदीव के खिलाफ खेलेंगे। भारतीय टीम अगर इस मैच को जीतने में सफल रही तो क्वार्टर फाइनल में उनका सपना मेजबान इंडोनेशिया से होगा जिसे पहले दौर में बाई मिली है।
श्रीकांत और एचएस प्रणय की अगुवाई में भारतीय टीम के पास 32 वर्षों के पदक का सूखा खत्म करने का सुनहरा मौका होगा। इंडोनेशिया की टीम में भी कुछ अच्छे खिलाड़ी है जिसमें एकल में जोनाटन क्रिस्टी और एंथॉनी सिनिसुका गिनटिंग और युगल में विश्व रैंकिग में पहले स्थान पर काबिज मार्क्स फर्नाल्दी गिडोन और केविन संजया सुकामुलजो की जोड़ी शामिल है। टीम में विश्व रैंकिंग में नौवें स्थान पर काबिज फजार अलफियान और मोहम्मद रिया अर्दियांतो की युगल जोड़ी भी है।
श्रीकांत और प्रणय ने पहले भी अपने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ियों को धूल चाटायी है और अगर राष्टमंडल खेलों में रजत पदक विजेता चिराग शेट्टी और सात्विक रंकीरेड्डी अपने प्रदर्शन को दोहरा सके तो पदक की संभावना है।
एकल वर्ग के मुकाबले 22 अगस्त से शुरू होंगे जिसमें श्रीकांत और प्रणय से भारत को सबसे ज्यादा उम्मीदें होगी। भारतीय कोच पुलेला गोपीचंद को उम्मीद है कि एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ी इतिहास रचेंगे लेकिन उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप के तुरंत बाद इसके आयोजन पर खिलाड़ियों की चोट को लेकर चिंता भी जतायी।