एशियाई खेल: 15 गोल्ड के साथ जीते कुल 69 पदक, जानिए आखिरी दिन कैसा रहा भारत का प्रदर्शन
भारत ने यहां जारी 18वें एशियाई खेलों में शनिवार को दो और स्वर्ण पदक जीतकर अपने पदकों की कुल संख्या 69 तक पहुंचा दिया जो बीते सभी संस्करणों की तुलना में इस बार उसका सबसे अधिक पदक है।
जकार्ता। भारत ने यहां जारी 18वें एशियाई खेलों में शनिवार को दो और स्वर्ण पदक जीतकर अपने पदकों की कुल संख्या 69 तक पहुंचा दिया जो बीते सभी संस्करणों की तुलना में इस बार उसका सबसे अधिक पदक है। एशियाई खेलों का रविवार अंतिम दिन है लेकिन इस दिन की स्पर्धा में भारत की भागीदारी नहीं है। एशियाई खेलों में शनिवार को भारत का सफर खत्म हुआ।
भारत ने एशियाई खेलों के 18वें संस्करण में 15 स्वर्ण, 24 रजत और 30 कांस्य के साथ कुल 69 पदक जीते जबकि अपनी मेजबानी में 1951 में हुए पहले एशियाई खेल में भारतीय खिलाड़ियों ने 15 स्वर्ण, 16 रजत और 20 कांस्य के साथ कुल 51 पदक जीतकर तालिका में दूसरा स्थान हासिल किया था।
कुल पदकों के मामले में भी भारत ने 2010 एशियाई खेलों की पीछे छोड़ दिया। चीन के ग्वांगझो में हुए 2010 एशियाई खेलों में भारत ने कुल 65 पदक जीते थे।
भारत ने 18वें एशियाई खेलों में शनिवार को दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए। युवा मुक्केबाज अमित पंघल ने पुरुषों की 49 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा में ओलम्पिक चैम्पियन उज्बेकिस्तान के हसनबॉय दुसामाटोव को बेहद रोचक और कड़े मुकाबले में 3-2 से मात देकर एशियाई खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता।
अमित ने शुरूआत अच्छी की। वह पहले राउंड में ओपन गार्ड के साथ उतरे। उनके विपक्षी भी आक्रामक थे और इसी कारण अमित ने हसन से एक तय दूरी बनाए रखी जिससे ओलम्पिक पदक विजेता के पंच चूक गए। एक बार हसन क्लिंच के दौरान गिर भी पड़े। वहीं अमित के पंच भी मिस हुए।
दूसरे राउंड में आते ही अमित ने लेफ्ट जैब और राइट हुक के दो संयोजन का एक साथ इस्तेमाल कर अंक बटोरे। दूसरे राउंड में हसन का आत्मविश्वास अमित के पंचों के सामने डोलता दिख रहा था। वह पंच लगा रहे थे लेकिन वो चूक रहे थे।
तीसरे राउंड में दोनों ने कुछ अच्छे पंच लगाए और बॉडी अटैक किया। यह राउंड बराबरी का हुआ क्योंकि अमित और हसन दोनों के पंच लगे भी तो मिस भी हुए। अंत में पांच में से तीन रेफरियों ने अमित को विजेता माना।
18वें एशियाई खेलों में मुक्केबाजी में भारत का यह दूसरा पदक है। इससे पहले विकास कृष्णन ने 75 किग्रा में कांस्य पदक जीता था। 14वें दिन मुक्केबाजी के बाद भारत ने दूसरा स्वर्ण पदक ब्रिज में जीता। प्रणब बर्धन और शिभनाथ सरकार की जोड़ी ने पुरुषों की युगल स्पर्धा में 384 अंक हासिल करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया।
चीन के गैंग चेन और लिशिन यांग को रजत जबकि इंडोनेशिया के हेंकी लासूत और फ्रेडी ईडी मानोप्पो की जोड़ी को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। इसके अलावा भारतीय महिला स्क्वॉश टीम ने टीम स्पर्धा में रजत पदक जीता। हांगकांग ने फाइनल मुकाबले में भारत को 2-0 से शिकस्त दी।
भारत ने इन खेलों के आखिरी दिन मुक्केबाजी, ब्रिज और स्कवॉश के अलावा हॉकी में कांस्य पदक जीता। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पाकिस्तान को 2-1 से हराकर तीसरी बार कांस्य पदक पर कब्जा किया। वहीं, जापान ने मलेशिया को हराकर स्वर्ण जीता।
भारतीय टीम के लिए आकाशदीप सिंह ने तीसरे और हरमनप्रीत ने 50वें मिनट में गोल किया। मोहम्म्द अतीक ने 52वें मिनट में पाकिस्तान के लिए एकमात्र गोल किया।
भारत को जहां मुक्केबाजी, ब्रिज, स्कवॉश और हॉकी में पदक मिला वहीं उसे कनोए और जूडो में निराशा हाथ लगी। प्रकांत शर्मा और जेम्सबॉय सिंह की जोड़ी कनोए स्पर्धा के फाइनल में निराशाजनक प्रदर्शन कर नौवें स्थान पर रही। भारतीय जोड़ी ने 41.152 अंकों का स्कोर किया।
चीन के सोंग जिंग और कियांग ली ने 36.940 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल करते हुए स्वर्ण जीता। उज्बेकिस्तान के आर्थर गुइलेव और इयोर्जोन मामादालिएव ने 37.080 अंकों के साथ रजत पदक जीता।
स्पर्धा का कांस्य कजाकिस्तान के मेरेय मेडेटोव और तिमुर खाइडारोव के नाम रहा जिन्होंने 37.371 अंक हासिल किए। इसके अलावा जूडो में मिश्रित टीम क्वार्टर फाइनल में हार कर बाहर हो गई। भारतीय टीम को क्वार्टर फाइनल में कजाकिस्तान ने एकतरफा मुकाबले में 4-0 से मात दी।