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अमित पंघाल ने कहा एशियाई चैंपियनशिप की कसक ओलंपिक में करूंगा पूरा

छह बार की विश्व चैंपियन महिला मुक्केबाज मैरी कॉम के ओलंपिक में भारतीय ध्वजवाहक बनने से भी पंघाल का हौसला बढ़ा है।   

Amit Panghal said that I will fulfill the goal of Asian Championship in Olympics- India TV Hindi Image Source : TWITTER/BFI_INDIA Amit Panghal said that I will fulfill the goal of Asian Championship in Olympics

नई दिल्ली। अपने भार वर्ग में दुनिया के शीर्ष मुक्केबाज अमित पंघाल एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में मिली अप्रत्याशित हार से उबर चुके है और 23 जुलाई से शुरू होने वाले तोक्यो ओलंपिक में वह स्वर्ण पदक जीतकर उस निराशा को दूर करना चाहते है। ओलंपिक में भारत की पदक उम्मीद पंघाल अन्य भारतीय मुक्केबाजों के साथ इटली के असिसि में अभ्यास कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा हाल ही में जारी की गयी रैंकिंग में पंघाल को 52 किग्रा के भार वर्ग में शीर्ष स्थान मिला है। वह हालांकि 2019 से ही एआईबीए (अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ) की रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर हैं। 

पंघाल ने इटली से ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘अच्छी रैंकिंग का ड्रॉ में काफी फायदा होता है। इससे शुरुआती दौर की चुनौती थोड़ी आसान होती है। ओलंपिक के लिए हालांकि क्वालीफाई करने वाला कोई भी मुक्केबाज किसी से कमजोर नहीं है लेकिन रैंकिंग में अव्वल होने से आत्मविश्वास तो बढ़ता ही है।’’ 

ओलंपिक से पहले भारतीय मुक्केबाजों ने अपनी आखिरी प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट एशियाई चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए 15 पदक जीते। पंघाल हालांकि इसमें अपने स्वर्ण पदक का बचाव नहीं कर सके और फाइनल में मौजूदा ओलंपिक एवं विश्व चैंपियन (2019) उज्बेकिस्तान के मुक्केबाज जोइरोव शाखोबिदीन से हरा गये थे। 

टोक्यो खेलों में इस परिणाम के असर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ फाइनल के नतीजे से मैं खुद भी आश्चर्यचकित था। मेरे कोचों और टीम के दूसरे साथियों का मानना था कि मैंने शाखोबिदीन से बेहतर प्रदर्शन किया था लेकिन जजों का फैसला कुछ और ही रहा। हमने उस फैसले के खिलाफ विरोध भी दर्ज कराया था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ खैर, जो बीत गयी वो बात गयी, अब मेरा पूरा ध्यान तोक्यो पर हैं। अगर तोक्यो में हम दोनों का आमना सामना होता है तो मैं उसे हरा दूंगा। उसकी रैंकिंग पांचवीं है, ऐसे में क्वार्टर फाइनल या सेमीफाइनल में हमारा मुकाबला हो सकता है। एशियाई चैम्पियनशिप की कसक को मैं ओलंपिक में जरूर पूरा करूंगा।’’ 

जकार्ता एशियाई खेलों (2018) में 49 किग्रा वर्ग में रियो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता हसनबॉय दुसामातोव से हराकर पीला तमगा हासिल करने वाले पंघाल इटली में फ्रांस के बिलाल बेननमा और कुछ अन्य मुक्केबाजों के साथ अभ्यास कर रहे है। विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता बिलाल आईओसी (ओलंपिक मुक्केबाजी) रैंकिंग में पंघाल के बाद दूसरे स्थान पर है। 

हरियाणा के इस मुक्केबाज कहा, ‘‘विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज फ्रांस के मुक्केबाज के साथ स्पैरिंग (मुक्केबाजी अभ्यास) से मुझे ऊंचे कद वाले खिलाड़ियों को आंकने का मौका मिल रहा है। ओलंपिक में आने वाले लगभग सभी मुक्केबाजों का कद मुझ से ज्यादा है ऐसे में मुझे उनके करीब जा कर अंक जुटाने होंगे। भारतीय दल के साथ यहां और भी विदेशी मुक्केबाज है जिनके साथ अभ्यास से मेरी तैयारी बहुत अच्छी चल रही है।’’ 

छह बार की विश्व चैंपियन महिला मुक्केबाज मैरी कॉम के ओलंपिक में भारतीय ध्वजवाहक बनने से भी पंघाल का हौसला बढ़ा है। 

उन्होंने कहा, ‘‘ मैरी कॉम छह बार की विश्व चैंपियन और ओलंपिक पदक विजेता हैं । वह भारतीय दल में सबसे अनुभवी मुक्केबाज है, हम सब की ‘रोल मॉडल (आदर्श)’ है। यह खुशी की बात है और इससे हम सभी मुक्केबाजों का हौसला बढ़ा है।’’ पंघाल ने कहा कि पदक के लिए उन्हें अपने प्रदर्शन के साथ देशवासियों की दुआओं की भी जरूरत होगी।"

उन्होंने कहा, ‘‘ ओलंपिक में पदक को लेकर मुझे अपने प्रदर्शन पर पूरा भरोसा है लेकिन मुझे दुआओं की भी जरूरत हैं। मैं 130 करोड़ देशवासियों से अपने और दूसरे भारतीय खिलाड़ियों के लिए दुआ करने की गुजारिश करता हूं।’’