कोलकाता। अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने ईस्ट बंगाल से कहा है कि वह चार सितंबर तक खिलाड़ियों के दिए जाने वाले वेतन को लेकर स्थिति स्पष्ट करे। हाल ही में पांच फुटबॉलरों ने प्लेयर्स स्टेटस समिति (पीएससी) से उनके वेतन को लेकर संपर्क किया जो क्लब के पूर्व निवेशक द्वारा अभी तक नहीं किया। चार सितंबर के बाद मुद्दा पीएससी के सामने रखा जाएगा।
बेंगलुरू स्थित कंपनी ईस्ट बंगाल ने क्लब के साथ 17 जुलाई को करार खत्म कर दिया था और क्लब को अधिकार वापस दे दिए थे। 25 अप्रैल को क्वेस ने एक क्लॉज लागू किया था जिसके तहत उसके और क्लब के बीच सभी तरह के करार 1 मई से रद्द हो गए थे।
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जिन खिलाड़ियों का क्लब के साथ कई वर्षों का करार है उनका और बाकियों का एक महीने का वेतन लंबित पड़ा है, उन्हें क्वेस ईस्ट बंगाल को नोटिस भेजा था जिनके साथ उनका करार था। क्वेस ने जवाब में कहा कि अब उनका ईस्ट बंगाल से कोई लेना देना नहीं है।
खिलाड़ियों ने अपने प्रतिनिधि के माध्यम से एआईएफएफ पीएससी और फुटबाल प्लेयर्स एसोसिएशन (एफपीएआई) से संपर्क किया है। उन्होंने अपना करार भी रद्द कर दिया है और स्वतंत्र एजेंट हो गए हैं।
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मामले से संबंध रखने वाले सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, "एआईएफएफ ने ईस्ट बंगाल को पत्र भेजा है और खिलाड़ियों की वेतन न मिलने की मांग पर प्रतिक्रिया मांगी है। उन्हें चार सितंबर का समय दिया गया है इसके बाद मामला पीएससी के पास पहुंचेगा।"
उन्होंने कहा, "आमतौर पर पीएससी, दोनों पार्टियों के दावों को सुनती है। लेकिन इस मामले में अगर ईस्ट बंगाल 4 सितंबर तक प्रतिक्रिया नहीं देती है तो सिर्फ खिलाड़ियों की मांग मानी जाएगी। अगर ईस्ट बंगाल जवाब देती है तो और ज्यादा समय मांगती है तो चार सितंबर के बाद से एक और सप्ताह उन्हें दिया जाएगा।"
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इस समय ईस्ट बंगाल बिना निवेशक के संघर्ष कर रही है और इसी कारण वह इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में नहीं खेल पाई।