चेन्नई। अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) का कामकाज देख रही पांच सदस्यीय समिति ने बुधवार को सचिव विजय देशपांडे की ‘गलत जानकारी’ देने के लिये आलोचना की और उनके खिलाफ रोक के आदेश के बावजूद राष्ट्रीय संस्था के ‘लेटरहेड’ का उपयोग करने का आरोप लगाया। पांच सदस्यीय पैनल के सचिव और समन्वयक नरेश शर्मा ने देशपांडे के हाल में आनलाइन बुलायी गयी एआईसीएफ आम सभा की बैठक में लिये गये फैसलों के खिलाफ बयान देने पर आपत्ति जतायी।
शर्मा ने कहा,‘‘(अध्यक्ष) पी आर वेंकटरामा राजा, देशपांडे और किशोर बांडेकर के खिलाफ एआईसीएफ लेटरहेड, वेबसाइट या एआईसीएफ के किसी भी अन्य कानूनी दस्तावेज का इस्तेमाल नहीं करने का आदेश है। यह फैसला 22 अप्रैल को आम सभा की आनलाइन बैठक में किया गया था।’’
उन्होंने कहा,‘‘इसके बावजूद देशपांडे ने खुद को सचिव बताकर एआईसीएफ के लेटरहेड का उपयोग किया और मीडिया में फिर से गलत सूचनाएं दी।’’
ये भी पढ़ें - चैम्पियंस लीग के सेमीफाइनल में मेसी के फ्री किक गोल को जॉडर्न हेंडरसन ने बताया अविश्वस्नीय
शर्मा ने कहा कि एआईसीएफ उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा। इसके अलावा महासंघ ने देशपांडे द्वारा उठाये गये कुछ मुद्दों को स्पष्ट किया।
उन्होंने 22 अप्रैल की बैठक को गैरकानूनी करार दिये जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘वे दावा कर रहे हैं कि बैठक गैरकानूनी थी, हम उनसे पूछते हैं कि क्यों और किस आधार पर। नोटिस भेजा गया था। कम से कम 23 राज्य संघों ने आनलाइन बैठक में हिस्सा लिया था और एआईसीएफ की विभिन्न मान्यता प्राप्त इकाईयों के 44 सदस्यों ने भी बैठक में भाग लिया था।’’