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Hindi News खेल अन्य खेल क्वॉलीफाई करने के बाद अब मेरा लक्ष्य ओलंपिक में मेडल जीतना है : बॉक्सर सतीश कुमार

क्वॉलीफाई करने के बाद अब मेरा लक्ष्य ओलंपिक में मेडल जीतना है : बॉक्सर सतीश कुमार

मुक्केबाज सतीश कुमार पुरुषों की सुपर हैवीवेट कैटेगरी में रियो ओलम्पिक-2016 में क्वालीफाई करने से चूक गए थे, लेकिन इस बार उन्होंने मार्च में 91 किलोग्राम प्लस भारवर्ग में ओलम्पिक का टिकट कटा लिया।

<p>क्वालीफाई करने के...- India TV Hindi Image Source : TWITTER क्वालीफाई करने के बाद अब मेरा लक्ष्य ओलंपिक में मेडल जीतना है : बॉक्सर सतीश कुमार

नई दिल्ली| तकरीबन एक दशक से मुक्केबाज सतीश कुमार पुरुषों की सुपर हैवीवेट कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वह हालांकि रियो ओलम्पिक-2016 में क्वालीफाई करने से चूक गए थे, लेकिन इस बार उन्होंने मार्च में 91 किलोग्राम प्लस भारवर्ग में ओलम्पिक का टिकट कटा लिया।

सतीश ने आईएएनएस से कहा, "मैं ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर काफी खुश हूं और इससे भी ज्यादा इस बात से काफी खुश हूं कि मैं इस भारवर्ग में क्वालीफाई करने वाला पहला भारतीय खिलाड़ी हूं। मैं इस भावना को बयां नहीं कर सकता। इस स्तर पर पहुंचना और ओलम्पिक पदक जीतना सभी का सपना होता है। मेरे लिए भी यह ऐसा ही था और अब मैं क्वालीफाई कर चुका हूं और मेरा लक्ष्य पदक जीतना है।"

क्वालीफिकेशन हासिल करने का उत्साह कुछ ही दिनों बाद सतीश के लिए शायद ठंडा पड़ गया, क्योंकि कोविड-19 के कारण ओलम्पिक खेलों को एक साल के लिए टाल दिया गया। इसके बाद पूरे देश में लॉकडाउन भी लगा दिया गया। इसी कारण सतीश अपने घर में ही ट्रेनिंग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि घर में उनके पास जितने उपकरण हैं उनसे वो अभ्यास करते हैं लेकिन यह कैम्प में ट्रेनिंग करने के समान नहीं है। सतीश ने कहा, "कैम्प में 100 फीसदी ट्रेनिंग जो मैं करता था वो घर पर नहीं कर सकता। मेरे पास जो भी उपकरण हैं मैं उसे ही 65-70 प्रतिशत ट्रेनिंग कर पाता हूं।"

सतीश ने कहा कि लॉकडाउन के बाद ट्रेनिंग और संभावित टूर्नामेंट्स को लेकर भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के कोचिंग स्टाफ, टारगेट ओलम्पिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) से बातचीत हुई थी लेकिन इस समय इन लोगों का किसी भी तरह से पुष्टि करना मुश्किल है।

उन्होंने कहा, "बात हुई है लेकिन अभी कुछ भी पक्का नहीं है। ऐसी प्लानिंग है कि हम कहां जाएंगे और किस तरह की ट्रेनिंग की जरूरत होगी, लेकिन अभी तक कुछ भी पक्का नहीं है। बीएफआई ने प्लान बनाए हैं कि टूर्नामेंट और ट्रेनिंग के लिए कहां जाना है लेकिन जब तक लॉकडाउन खत्म नहीं होता तब तक कुछ भी तय नहीं है।"

सतीश ने कहा, "अभी मैं सिर्फ उस ट्रेनिंग पर ध्यान दे रहा हूं जो प्रशिक्षकों ने बताई है। हर दिन के लिए अलग-अलग सत्र है। आज वेट ट्रेनिंग थी। ऐसे भी दिन होते हैं कि जब रनिंग करना पड़ता है। हर दिन चीजें बदलती रहती हैं। इसलिए आज मैंने स्क्वाएट्स, पावर लिफ्ट्स, स्नैच और बाकी एक्सरसाइज कीं। कहीं भी जिम नहीं है और इसलिए मैं रस्सी, टायर और जो भी घर में है उसका उपयोग कर रहा हूं।"

उन्होंने कहा, "भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और बीएफआई की तरफ से हमसे उपकरणों के बारे में पूछा गया था मैंने उन्हें बता दिया था लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है।" खेल मंत्री ने शनिवार को कहा था कि मंत्रालय कुछ चरणों में राष्ट्रीय शिविर खोलने के बारे में सोच रहा है वो भी उन खिलाड़ियों के लिए जो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं या क्वालीफिकेशन तथा अन्य किसी बड़े टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे।

सतीश ने कहा, "अगर ऐसा होता है तो यह अच्छी बात है। अगर हर किसी के लिए नहीं तो उन लोगों के लिए जो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं या कर सकते हैं। अगर सुविधाएं उन्हें दी जाती हैं तो यह अच्छा होगा।" उन्होंने कहा, "हमने सही ट्रेनिंग नहीं की इसे एक महीने से ज्यादा हो गया है और निश्चित तौर पर नुकसान हो रहा है इसलिए कुछ कदम उठाए जाएं तो यह अच्छा होगा।"