एएफसी एशियन कप 2019: इतिहास रचने से चूकी टीम इंडिया, बहरीन से हारकर टूर्नामेंट से बाहर
इस हार के बाद भारतीय टीम को ग्रुप-ए में तीन अंकों के साथ आखिरी पायदान से ही संतोष करना पड़ा।
शारजाह। आठ साल के लंबे अंतराल के बाद एएफसी एशियन कप में भाग ले रही भारतीय फुटबाल टीम ने सोमवार को यहां पहली बार इस टूर्नामेंट के नॉकआउट राउंड में पहुंचने का सुनहरा मौका गंवा दिया। अल शारजाह स्टेडियम में ग्रुप-ए के अपने तीसरे मैच में बहरीन ने भारत को 1-0 से मात देकर प्रतियोगिता से बाहर कर दिया। बहरीन के लिए मैच का एकमात्र गोल पेनाल्टी के जरिए इंजुरी टाइम (91वें मिनट) में जमाल राशिद ने दागा।
इस हार के बाद भारतीय टीम को ग्रुप-ए में तीन अंकों के साथ आखिरी पायदान से ही संतोष करना पड़ा। भारत के खिलाफ पहले मैच में 1-4 से करारी शिकस्त झेलने वाली थाईलैंड की टीम ने ग्रुप स्तर के अपने अंतिम मैच में मेजबान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के खिलाफ 1-1 से ड्रॉ खेला और चार अंकों के साथ तीसरे पायदान पर रही।
भारत 1964 में इस टूर्नामेंट का उपविजेता रहा था लेकिन टूर्नामेंट राउंड रोबिन प्रारूप में खेला गया था और केवल चार टीमों ने ही उसमें हिस्सा लिया था।
भारत के लिए मैच की शुरुआत खराब रही और दूसरे मिनट में ही सेंटरबैक अनस एदाथोडिका चोटिल हो गए। अनस चोट के कारण मैदान पर अधिक देर तक नहीं टिक पाए और कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने टूर्नामेंट में पहली बार ईस्ट बंगाल के खिलाड़ी सलाम रंजन सिंह को मौका दिया।
बहरीन की टीम शुरुआत से ही भारत पर हावी नजर आई। छटे मिनट में ही गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू को 18 गज के बॉक्स के अंदर बचाव करना पड़ा।
भारत को बढ़त बनाने को पहला मौका 13वें मिनट में मिला। प्रीतम कोटाल ने विपक्षी टीम के बॉक्स में मौजूद फारवर्ड खिलाड़ी अशिक कुरुनियान को पास दिया लेकिन वह हेडर के जरिए गेंद को गोल में नहीं डाल पाए। 22वें मिनट में हालीचरण नारजारे और 28वें मिनट में सुनील छेत्री भी गोल करने में विफल रहे।
पहले हाफ में भारत के फारवर्ड खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए लेकिन डिफेंस में मौजूद खिलाड़ियों ने नॉकआउट राउंड में पहुंचे की भारत की उम्मीदों को जिंदा रखा, खासकर संदेश झिंगन ने कई मौकों पर महत्वपूर्ण टैकल किए। उन्होंने वन ऑन वन की स्थिति में बहरीन के किसी भी खिलाड़ी को गेंद लेकर आगे नहीं जाने दिया। रंजन सिंह और प्रीतम कोटाल ने भी उनका बखूबी साथ निभाया।
कांस्टेनटाइन ने दूसरे हाफ की शरुआत में दूसरा बदलाव किया। उन्होंने कुरुनियान की जगह थाईलैंड के खिलाफ पहले मैच में शानदार गोल करने वाले स्ट्राइकर जेजे लालपेखलुआ को मौका दिया।
भारत ने दूसरे हाफ के शुरुआत में लौंग बॉल के साथ ही छोटे-छोटे पास करके अटैक करने की कोशिश की। हालांकि, बहरीन की डिफेंस ने भारतीय टीम को गाले करने का कोई खास मौका नहीं दिया।
मैच के 61वें मिनट में बहरीन की ओर से मोहम्मद रोमेही की जगह अब्दुल्ला हेलाल मैदान पर आए और उन्होंने आते ही बॉक्स के बाहर गोल करने का प्रयास किया। तीन मिनट बाद विंगर उदांता सिंह ने गेंद के साथ बेहतरीन दौड़ लगाई। उन्हें बहरीन के हमाद अल-शमसान ने अपने बॉक्स के बाहर गिरा दिया जिसके कारण भारत को फ्री-किक मिली लेकिन छेत्री गेंद को गोपोस्ट के ऊपर से मार बैठे।
बहरीन ने अपना अटैक जारी रखा। 71वें मिनट में मारहून ने शॉट लिया और गेंद पोस्ट पर लगकर बाहर चली गई। मैच के अंतिम 10 मिनटों में बहरीन ने लगातार अटैक किया जिसका परिणाम उन्हें 91वें मिनट में पेनाल्टी के जरिए मिला। राशिद ने पेनाल्टी को गोल में बदलने में कोई गलती नहीं और अपनी टीम को अगले दौर में पहुंचा दिया।