आईपीएल की नई चैंपियन टीम गुजरात टाइटंस है। गुजरात टाइटंस ने फाइनल में राजस्थान रॉयल्स को सात विकेट से हरा दिया। राजस्थान रॉयल्स इससे पहले भी साल 2008 का आईपीएल जीत चुकी है, लेकिन दूसरी बार ट्रॉफी जीतने का उनका सपना पूरा नहीं हो पाया। हालांकि संजू सैमसन की कप्तानी वाली आरआर ने अच्छा खेल दिखाया, लेकिन टीम ने कुछ न कुछ गलतियां की, जिससे उसे हार का मुंह देखना पड़ा। चलिए जानते हैं कि वे पांच कौन से बड़े कारण रहे, जिससे राजस्थान रॉयल्स को हार मिली।
जॉस बटलर पर ज्यादा निर्भरता
राजस्थान रॉयल्स की टीम जॉस बटलर पर कुछ ज्यादा ही निर्भर नजर आई। जब भी जॉस बटलर का बल्ला चला टीम ने जीत हासिल की, लेकिन जब जॉस द बॉस नहीं चले तो टीम संघर्ष करती नजर आई। जिस टीम के एक ही खिलाड़ी ने 863 रन ठोक दिए हो, चार शतक लगाए हों। सबसे ज्यादा चौके और छक्के लगाए हो, उस टी का हराना समझ से परे है। ये बताता है कि जॉस बटलर को ठीक से सहयोग नहीं मिला।
युजवेंद्र चहल चले, लेकिन बाकी कोई नहीं
युजवेंद्र चहल ने आईपीएल 2022 में सबसे ज्याद विकेट अपने नाम किए। युजवेंद्र चहल ने 7.75 की इकोनॉमिक रेट से 27 विकेट झटके। टीम को जब भी उनकी आवश्यकता रही है, उन्होंने अपना योगदान दिया। इस साल एक ही हैट्रिक ली गई, वो भी युजवेंद्र चहल ने ही ली। लेकिन उन्हें अच्छा साथ नहीं मिला। हालांकि टीम में अनुभवी रविचंद्रन अश्विन भी थे, लेकिन वे कभी कभार ही कमाल दिखा सके।
ट्रेंट बोल्ट का जोड़ीदार नहीं मिला
इस बार राजस्थान रॉयल्स ने दुनिया के सबसे घातक गेंदबाजों में से एक ट्रेंट बोल्ट को भी अपने पाले में किया, उन्होंने अच्छी गेंदबाजी की, लेकिन उनका भी जोड़ीदार नहीं मिला। प्रसिद्ध कृष्णा ने भी कभार ही कमाल दिखाया। ट्रेंट बोल्ट तो शुरुआती झटके विरोधी टीम को दे देते थे, लेकिन इसके बाद डेथ ओवर्स तक उनके ओवर पूरे हो जाते थे। यही कारण रहा कि विरोधी टीमें बड़े स्कोर बनाने में कामयाब हो जाती थीं।
संजू सैमसन ने नहीं खेली लंबी पारी
कप्तान संजू सैमसन ने टीम की कप्तानी तो अच्छी की, लेकिन वे टीम के लिए कोई भी बड़ी पारी नहीं खेल पाए हैं। संजू सैमसन ने बतौर कप्तान राजस्थान रॉयल्स के लिए 17 मैच खेले और इसमें 458 रन बनाए। उनका औसत 28.63 का रहा और स्ट्राइक रेट 146.79 का रहा। उनके बल्ले से केवल दो ही अर्धशतक आए। संजू सैमसन ने छोटी छोटी धमाकेदार पारियां खेलीं, लेकिन वे उसे बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए।
देवदत्त पडिक्कल ने किया निराश
देवदत्त पडिक्कल इससे पहले आरसीबी के लिए खेल रहे थे, लेकिन इस बार वे राजस्थान रॉयल्स के खेमें में नजर आए। जब वे आरसीबी के लिए खेल रहे थे तब उन्होंने प्रभावित किया, लेकिन इस बार वे कुछ खास नहीं कर पाए। उन्होंने 17 मैचों में 376 रन बनाए। उनका औसत 22.12 का रहा, वहीं स्ट्राइक रेट 122.87 था। इसका कारण ये भी हो सकता है कि वे आरसीबी के लिए ओपन कर रहे थे, लेकिन राजस्थान के लिए उन्हें नंबर तीन और चार भी बल्लेबाजी करनी पड़ी। वे उस रंग में नजर नहीं आए, जैसी उम्मीद की जा रही थी।