गुजरात टाइटन्स के कप्तान हार्दिक पंड्या ने मैथ्यू वेड को विवादास्पद तरीके से एलबीडबल्यू दिये जाने के बाद तकनीक का फायदा नहीं मिलने पर अफसोस जताया लेकिन कहा कि कुल मिलाकर अधिकतर अवसरों पर इससे सही फैसले लेने में मदद मिली है। गुजरात और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के बीच आईपीएल मैच के दौरान ग्लेन मैक्सवेल की गेंद पर वेड को आउट दिये जाने पर बहस शुरू हो गई, क्योंकि ‘अल्ट्राएज’ से पता नहीं चल रहा था कि गेंद बल्ले का छूकर गयी है जबकि देखने में लग रहा था कि गेंद ने बल्ले को स्पर्श किया है।
हार्दिक ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अल्ट्राएज में थोड़ा (स्पाइक) था। बड़े पर्दे पर यह दिखाई नहीं दे रहा था। आप गलती नहीं कर सकते। अगर तकनीक मदद नहीं कर रही है, तो मुझे नहीं पता कि फिर कौन मदद करेगा।’’
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वेड इस फैसले से नाराज थे क्योंकि उन्हें यकीन था कि मैक्सवेल की गेंद उनके बल्ले से लगकर पैड से टकरायी है, इसलिए आउट दिये जाने के तुरंत बाद उन्होंने निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का सहारा ले लिया था। ‘अल्ट्राएज’ में हालांकि यह स्पष्ट नहीं हुआ और तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर का फैसला बने रहने दिया।
हार्दिक ने कहा, ‘‘जाहिर है यह किसी के लिये भी व्यक्तिगत नहीं है लेकिन तकनीक कभी मदद करती है और कभी नहीं। इस बार इसने मदद नहीं की। लेकिन अधिकतर अवसरों पर इसने काम किया है और गलत फैसलों को पलटा है।’’
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प्लेऑफ में पहले ही जगह बना चुके गुजरात को इस मैच में आरसीबी से आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा। मोहम्मद शमी और लॉकी फर्ग्यूसन को कम ओवर देने के बारे में हार्दिक ने कहा, ‘‘हम लॉकी को मौका देना चाहते थे, लेकिन गेंद थोड़ा रुककर आ रही थी, इसलिए हमने धीमी गति के गेंदबाजों को आजमाया।’’
हार्दिक ने कहा कि अंकतालिका में शीर्ष पर होना उनके लिये सकारात्मक पहलू है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने जिस तरह से प्रदर्शन किया उसे देखते हुए शीर्ष दो में जगह बनाना महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आपको फाइनल में पहुंचने के दो मौके मिलते हैं।’’