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Hindi News खेल आईपीएल IPL 2022: पिता गैस वेंडर, बड़ा भाई ऑटो ड्राइवर; पोछा लगाने से KKR की टीम तक, आसान नहीं था रिंकू सिंह का सफर

IPL 2022: पिता गैस वेंडर, बड़ा भाई ऑटो ड्राइवर; पोछा लगाने से KKR की टीम तक, आसान नहीं था रिंकू सिंह का सफर

आईपीएल 2022 के 47वें मुकाबले में रिंकू सिंह ने मुश्किल पिच पर 23 गेंदों पर 42 रन बनाए। इस मैच में उनकी पारी की बदौलत केकेआर ने राजस्थान को 7 विकेट से हराया।

<p>रिंकू सिंह ने...- India TV Hindi Image Source : IPL रिंकू सिंह ने राजस्थान के खिलाफ जिताया केकेआर को मैच

Highlights

  • रिंकू सिंह ने राजस्थान के खिलाफ खेली 42 रनों की मैच विनिंग पारी
  • अलीगढ़ के गरीब परिवार से आए थे रिंकू सिंह
  • 2018 में केकेआर ने 80 लाख रुपए में किया था टीम में शामिल

कहतैं हैं कि इंसान को सफल होने में सालों लग जाते हैं लेकिन इंसान को बनाने के लिए एक दिन ही काफी होता है। ऐसा ही कुछ भारत के युवा क्रिकेटर रिंकू सिंह के साथ हुआ। यूं तो रिंकू पिछले चार-पांच सीजन से केकेआर (KKR) के साथ जुड़े हुए हैं लेकिन इन पांच सालों में ऐसे पांच मौके भी नहीं आए कि दुनिया उनको जाने। लेकिन IPL 2022 के 47वें मुकाबले में राजस्थान के खिलाफ रिंकू ने वह मौका खोज लिया और दुनिया को बता दिया कि, कौन हैं रिंकू सिंह?

इस मुकाबले के बाद से हर कहीं यही चर्चा है रिंकू सिंह, रिंकू सिंह, रिंकू सिंह। लेकिन इस रिंकू सिंह को आज से 5 साल पहले तक कोई नहीं जानता था। यहां तक ज्यादातर लोग आज से पहले भी नहीं जानते होंगे। दरअसल रिंकू सिंह ने अपनी टीम को लगातार पांच हार के बाद छठी हार के मुंह में जाने से बचा लिया। केकेआर की हालत पतली होती जा रही थी। कप्तान श्रेयस अय्यर पवेलियन लौट गए थे और नितीश राणा अकेले पड़ गए थे। रन रेट बहुत कम था।

रिंकू ने कैसे जीता दिल?

टार्गेट 153 का ही था लेकिन जीत के लिए 44 गेंदों पर अभी भी 61 रन चाहिए थे। टी20 के हिसाब से स्कोर कम था। लेकिन राजस्थान के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण और स्लो पिच पर यह मुश्किल लग रहा था। लेकिन रिंकू सिंह मानो आज मन बना कर आए थे कि कल की हेडलाइंस में उन्हें छा जाना है। आते ही उन्होंने सकारात्मक खेल दिखाना शुरू कर दिया। 23 गेंदों पर 42 रन की इस छोटी पारी ने पूरे क्रिकेट जगत को दीवाना बना दिया।

Image Source : IPLरिंकू सिंह की 23 गेंदों पर 45 रनों की शानदार पारी की झलक

उसी मुश्किल पिच पर उन्होंने शानदार फॉर्म में चल रहे कुलदीप सेन पर ड्रैग फ्लिक करके छक्का जड़ा। उसी टर्निंग पिच पर उन्होंने पर्पल कैप होल्डर युजवेंद्र चहल पर भी बैक टू बैक बाउंड्री लगाईं। इस बल्लेबाज ने सुनील गावस्कर समेत हर किसी को अपनी इस पारी से दीवाना बना दिया। नितीश राणा के साथ उन्होंने नाबाद रहते हुए 60 से ऊपर की साझेदारी की और 19.1 ओवर में टीम को 7 विकेट से जीत भी दिला दी।

आसान नहीं था रिंकू का सफर

रिंकू सिंह अलीगढ़ के रहने वाले हैं और करीब पांच साल से केकेआर का हिस्सा हैं। 24 वर्षीय इस खिलाड़ी को अक्सर शानदार फील्डर और युवा टैलेंट कहा जाता था। लेकिन दुनिया के लिए यह जानना बाकी था कि यह युवा एक शानदार बल्लेबाज भी है। ऐसा ही उन्होंने राजस्थान के खिलाफ इस मैच में दिखाया। लेकिन यह तो उनकी सफलता के दिन हैं इसी बीच दुनिया को अब उनकी गुरबत भरी जिंदगी के बारे में भी पता चल रहा है।

रिंकू एक बेहद ही गरीब परिवार के थे। जिस गेंद को आज वह बाउंड्री के पार मार रहे हैं कभी उनके पास एक मामूली पांच रुपए की गेंद भी खरीदने के पैसे नहीं थे। उनके पिता एक साधारण गैस डिलीवरी या फिर गैस सिलेंडर वेंडर हैं। उनके चार और भाई हैं। कोई ऑटो चलाता था तो कोई कहीं मजदूरी करता था। दो वक्त की रोटी के लिए रिंकू के घर में बड़ी मेहनत की जाती थी। इसी बीच रिंकू सबसे छोटे थे उनके पिता उनके क्रिकेट खेलने पर गुस्सा करते थे लेकिन वह किसकी सुनते। बचपने से ही मानो उनका दिमाग भगवान ने ऐसा बना दिया हो।

Image Source : ट्विटररिंकू सिंह ने 2019 रणजी ट्रॉफी में किया था कमाल

फिर धीरे-धीरे समय बीतता गया और रिंकू भी समझदार होते गए। उन्हें भी घर का गुजारा करना था तो काम तलाशने लगे। ऐसे ही किसी दिन काम की तलाश में रिंकू सिंह को काम मिला। वह किसी कोचिंग सेंटर में पोछा लगाते थे। लेकिन क्रिकेट के लिए जुनून उनके मन में बचपन से था। अचानक रिंकू ने नौकरी छोड़ी और क्रिकेट की तरफ बढ़ने का मन बना लिया। उन्हें एहसास हो गया था कि क्रिकेट ही उनके परिवार के दुखों को दूर करेगा।

इन तीन लोगों ने बदली रिंकू की किस्मत

भगवान इस दुनिया में खुद नहीं होता लेकिन उसे अगर किसी को बनाना होता है तो किसी ना किसी के रूप में आ जरूर जाता है। ऐसा ही रिंकू की जिंदगी में हुआ। रिंकू के जीवन को बदलने में तीन लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा। रिंकू सिंह क्रिकेट की तरफ खुद को आगे बढ़ाने की ठान चुके थे। उनके सभी भाई उनका साथ देते थे। इसी बीच वह दो बार अंडर-16 ट्रायल के पहले राउंड में बाहर हो गए। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में अलीगढ़ के मोहम्मद ज़ीशान उनकी मदद के लिए आगे आए।

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इसके बाद रिंकू सिंह को शुरुआती दिनों में अलीगढ़ के ही मसूद अमीन से कोचिंग मिलने लगी। मसूद आज भी उनके कोच हैं। जबकि मोहम्मद ज़ीशान से मिली मदद और मार्गदर्शन ने रिंकू सिंह के जीवन में अहम भूमिका निभाई। फिर रिंकू की घरेलू क्रिकेट में एंट्री हुई। वह रणजी खेले, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेले। इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरती गई। उन्होंने घर बनवाया, कर्जा भरा सबकुछ करना शुरू कर दिया। इन सबके बाद 2018 में जब शाहरुख खान ने अपनी फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए उन पर विश्वास दिखाया वहां से उनकी किस्मत और बदली। 2018 में फ्रेंचाइजी ने उन्हें 80 लाख रुपए में अपने साथ जोड़ा। परिणाम तुरंत नहीं मिला लेकिन आज करीब 5 साल बाद उनका नाम हर किसी की जुबां पर है।

(नोट: यह स्टोरी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और रिंकू सिंह के कुछ पुराने इंटरव्यूज से मिली जानकारियों पर आधारित है।)