IPL 2020, RR vs CSK : जानिए कौन है गोल गप्पे बेचने वाला ये खिलाड़ी, जो आईपीएल में कर रहा है डेब्यू
राजस्थान ने अपनी टीम में एक ऐसे युवा सलामी बल्लेबाज को जगह दी है। जो कभी मुंबई में खेल के मैदान के टेंट में रहा करता था और रोजी रोटी के लिए गोल गप्प्पे बेचा करता था।
कोरोना महामारी के बीच दुनिय की सबसे बड़ी इंडियन प्रीमीयर लीग यूएई में खेली जा रही है। जिसके चौथे मैच में राजस्थान रॉयल्स महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स से सामना कर रही है। इस तरह राजस्थान ने अपनी टीम में एक ऐसे युवा सलामी बल्लेबाज को जगह दी है। जो कभी मुंबई में खेल के मैदान के टेंट में रहा करता था और रोजी रोटी के लिए गोल गप्प्पे बेचा करता था। जिसके बाद यशस्वी ने कठिनाई भरा सफर तय करके आज आईपीएल में डेब्यू किया है।
दरअसल, अंडर 19 विश्वकप में टीम इंडिया के लिए सबसे पहले सलामी बल्लेबाजी करते हुए यशस्वी का नाम अन्तराष्ट्रीय स्तर पर सामने आया था। जिसमें दमदार बल्लेबाजी करते हुए सभी का दिल जीता। इस तरह मुम्बई के लिए पहली बार लिस्ट ए टूर्नामेंट खेलने वाले यशस्वी ने दोहरा शतक यानि 203 रनों की पारी के दौरान 154 गेंदों का सामना किया। इस दौरान उन्होंने 17 चौके और 12 छक्के मारे। जिसके चलते मुम्बई को मैच में जीत हासिल हुई। इस तरह घरेलू क्रिकेट में धम्केदार पारियों के चलते उन्हें आईपीएल में जगह मिली।
जानिए कौन है यशस्वी जायसवाल
दरअसल, यशस्वी उत्तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले हैं। जहां उनके पिता एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। क्रिकेटर बनने की चाहत लिए वो 10 साल की उम्र में मुंबई आ गए। उनके रिश्तेदार संतोष का घर मुंबई के वर्ली में है, लेकिन वहां रहना भी मुश्किल था। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका घर बहुत छोटा था। इसलिए मुस्लिम यूनाइटेड क्लब के मैनेजर संतोष ने वहां के मालिक से गुजारिश करके यशस्वी के रूकने की व्यवस्था करा दी। जिसके चलते यशस्वी को ग्राउंड्समैन के साथ मैदान के टेंट में रहना पड़ता था।
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ऐसे में पेट पालने और पॉकेट मनी के लिए यशस्वी ने गोलगप्पे भी बेचे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यशस्वी को पेट पालने के लिए गोपगप्पे भी बेचना पड़ा है। दरअसल यशस्वी खाने का जुगाड़ करने के लिए आजाद मैदान में राम लीला के दौरान गोपगप्पे और फल बेचने में मदद करते थे। मगर इस दौरान उनकी बल्लेबाजी में भी जबरदस्त निखार आ रहा था और इतना ही नहीं यशस्वी सचिन के बेटे अर्जुन के अच्छे दोस्त भी है। दोनों की मुलाकर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी बेंगलुरु में हुयी थी। जिसके चलते उनकी मुलाकात क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से हुई।
सचिन भी हैं इस बल्लेबाज के मुरीद
बात 2018 की है जब अर्जुन यशस्वी को अपने घर ले गए। पहली मुलाकात में ही सचिन ने यशस्वी से प्रभावित होकर उन्हें अपना बल्ला गिफ्ट में दे दिया। इस प्रेरणा दायक पल के बाद यशस्वी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार रन बनाते चले गए। जिसके दम पर वो आज इस मुकाम तक आ पहुंचे हैं।
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ऐसे में अब यशस्वी अपने डेब्यू मैच को राजस्थान रॉयल्स की तरफ से यादगार बनाना चाहेंग और शानदार पारी खेलना चाहेंगे। इतना ही नहीं फैंस की भी निगाहें उन पर टिकी हुई हैं।