नयी दिल्ली: टेस्ट की तुलना में T20 कहीं ज़्यादा टीम गेम होता है. टी-20 में एक टीम के पास खेलने के लिए सिर्फ 120 गेंदें होती हैं और ऐसे में जीत के लिए बल्लेबाज़ों का अच्छे स्ट्राइत रेट से रन बनाना बेहद ज़रुरी होता है. अक़्सर देखा गया है कि बूल्लेबाज़ तो बचे रह जाते हैं लेकिन गेंदें ख़त्म हो जाती हैं. औसतन टी-20 में एक पारी में सिर्फ छह विकेट ही गिरते हैं. टिककर खेलने वाले बल्लेबाज़ों की मेहनत अक़्कसर बेकार जाती है. ऐसे बल्लेबाज़ों की महत्ता टी-20 में बहुत कम होती है.
राजस्थान रॉयल्स भी कुछ इसी तरह की समस्या से जूझ रही है. कप्तान अजंक्य रहाणे रन कम बना रहे हैं और गेंदें ज़्यादा खेल रहे हैं. इस वजह से बाद में आने वाले खिलाड़ियों पर दबाव पड़ रहा है.
रहाणे को टॉप ऑर्डर पर बैटिंग करवाकर राजस्थान अपने बाक़ी बल्लेबाज़ों का भरपूर उपयोग नहीं कर रही है. राजस्थान के टॉप 7 में से रहाणे को छेड़कर, छह बल्लेबाज़ 120 गेंदे खेलने में सक्षम हैं. सात बल्लेबाज़ में से रहाणे का स्ट्राइक रेट सबसे कम है. ऐसे में बेहतर होगा कि राजस्थान बाकी बल्लेबाज़ों को रहाणे के पहले भेजे.रहाणे के ओपन करने से राजस्थान को औसतन प्रति पारी पांच रन का नुकसान होता है. ऐसा नहीं कि रहाणे बतौर बल्लेबाज़ टीम में कोई वेल्यू नही है लेकिन उन्हें तेज़ी से रन बनाने होंगे. वह तभी योगदान करते हैं जब विकेट फटाफट गिर जाए या फिर प्लेइंग कंडीशन कठिन हो. लेकिन टी-20 में ऐसे मौके कम ही आते हैं.
राहुल त्रिपाठी के रुप में राजस्थान के पास एक बेहतरीन ओपनर है. लेकिन कप्तान के बेहतर उपयोग की वजह से त्रिपाठी को मौक़ा नहीं मिल पाता. त्रिपाठी ने पिछले सीज़न में पुणे के लिए प्रभावशाली ओपनिंग की थी. राजस्थान की टीम में जो पांच ओपनिंग बल्लेबाज़ हैं उनमें त्रिपाठी का स्ट्राइक रेट 201.82 सबसे बेहतर है. उनके बाद डीआर्सी शॉर्ट दूसेर नंबर पर आते हैं. इस तरह देखा जाए तो ये दो बल्लेबाज़ राजस्थान के लिए सबसे बेहतर ओपनर्स साबित हो सकते हैं.