ना बल्ला ही चल रहा...ना रणनीति ही काम आ रही...जब कप्तान का ही हो ये हाल तो फिर कौन टाल सकता है टीम की हार। किंग्स इलेवन के खिलाफ 4 रन से मिली हार के बाद ये साफ हो गया कि डेयरडेविल्स के लिए प्ले ऑफ की रेस अब आसान नहीं है।
डेयरडेविल्स अबतक 6 मैचों में सिर्फ एक मैच जीती है। प्वॉइंट टेबल में डेयरडेविल्स सबसे नीचे है। प्ले ऑफ में बने रहने के लिए अब डेयरडेविल्स को 8 में से 7 मैच जीतने होंगे।
मतलब ये कि दिल्ली को अब हर मैच जीतना होगा। जबकि हाल ये है कि डेयरडेविल्स जीती बाजी भी हार रही है। किंग्स इलेवन के खिलाफ अपने घर में दिल्ली के गेंदबाजों ने दम दिखाया लेकिन 143 रनों का टारगेट भी डेयरडेविल्स के बल्लेबाजों के लिए मुश्किल हो गया। गेंदबाजों ने जीत की उम्मीद तो जगा दी थी लेकिन खुद कप्तान गंभीर भी जीत को लेकर गंभीर नहीं दिखे...सिर्फ 4 रन पर पवेलियन लौट गये।
5 पारियों में गंभीर ने 17 की औसत से सिर्फ 85 रन बनाए हैं। बात टीम की रणनीति की करें तो लगातार हार से साफ है कि टीम के पास कोई ठोस गेम प्लान नहीं है। भले ही कोच रिकी पॉन्टिंग मुकाबले के दौरान खिलाड़ियों को टिप्स देते नजर आते हो लेकिन टीम की हार से साफ है कि ना तो गंभीर और ना ही पॉन्टिंग ही कारगर साबित हो रहे हैं।