वेस्टइंडीज के खिलाफ यशस्वी जायसवाल ने अपने पहले मैच में ही तूफानी पारी खेली। वह भारत की तरफ से डेब्यू मैच में ही शतक जड़ने वाले 17वें बल्लेबाज बने हैं। वह विदेशी धरती पर डेब्यू करते हुए शतक लगाने वाले पहले भारतीय ओपनर बने हैं। अभी वह वेस्टइंडीज के खिलाफ 143 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। शतक लगाने के बाद यशस्वी जायसवाल ने बड़ा बयान दिया है।
मैच के बाद कही ये बात
यशस्वी जायसवाल ने कहा कि यह तो सिर्फ मेरे करियर की शुरुआत है। बल्लेबाजी के दौरान मैं रोहित से लगातार बात कर रहा था वह मुझे समझा रहे थे कि इस विकेट पर किस तरह से बल्लेबाजी करनी है और कैसे रन निकालने है। हमारे बीच अच्छा कम्युनिकेशन था। वह मैच से पहले भी मेरा हौसला बढ़ा रहे थे, वह कह रहे थे कि मैं अच्छा कर सकता हूं। मैंने काफी कुछ सीखा है और इसे जारी रखने की कोशिश करुंगा।
यशस्वी जायसवाल ने कहा कि मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। मेरे लिए यह इमोशनल पल है। मैं इसका लुत्फ उठा रहा हूं। मैं अभी नॉट आउट हूं और खेलना जारी रखना चाहूंगा। मैं यह शतक अपने माता-पिता को समर्पित करना चाहूंगा। मेरी जिंदगी में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। जायसवाल ने फर्स्ट क्लास की 26 पारियों में 80 के औसत 1,845 रन बनाए हैं। उन्होंने इस दौरान नौ शतक जड़े हैं।
साधारण पारिवार से रखते हैं ताल्लुक
यशस्वी जायसवाल की अब तक यात्रा काफी प्रेरणादायी रही है। उनके परिवार ने उत्तर प्रदेश से मुंबई पलायन किया, जहां इस खिलाड़ी ने क्रिकेट में अपनी पहचान बनानी शुरू की। अंडर-19 और फिर आईपीएल में प्रभावित करने के बाद जायसवाल को चोटिल लोकेश राहुल की जगह टीम में मौका मिला। यशस्वी के ओपनिंग में उतरते ही शुभमन गिल तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे।
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