एमएस धोनी को मैच फिनिश करने से रोकने के बाद यश दयाल ने घर पर लगाया वीडियो कॉल, मां से कही ये खास बात
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम ने शनिवार को चेन्नई सुपर किंग्स की टीम को 27 रनों से हरा दिया। इस मैच में मिली जीत के पीछे यश दयाल का रोल सबसे ज्यादा अहम रहा।
यश दयाल का क्रिकेटिंग करियर आईपीएल के पिछले सीजन के दौरान तब खतरे में आ गया था जब कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ उन्होंने आखिरी ओवर में 5 छक्के खाए और उनकी टीम गुजरात टाइटंस वह मैच भी हार गई। रिंकू सिंह के उन पांच छक्कों ने इस खिलाड़ी को पूरी तरह से तोड़कर रख दिया था, लेकिन इसके अगले सीजन यानी कि आईपीएल 2024 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम ने उन पर भरोसा दिखया और उन्हें आईपीएल 2024 के लिए अपने स्क्वाड में चुना। इसके अलावा उन्हें यह सीजन खेलने का मौका भी मिला। यश दयाल ने भी आरसीबी के इस भरोसे को तोड़ा नहीं और उन्होंने अपनी टीम को प्लेऑफ में पहुंचाने में एक अहम भूमिका निभाई। पिछले सीजन जब यश दयाल को रिंकू सिंह ने 5 छक्के जड़े थे। उनकी मां राधा दयाल बीमार हो गई थी, लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ उनके कमबैक ने सब कुछ बदल दिया।
मां को किया वीडियो कॉल
दयाल ने आईपीएल के सबसे बड़े फिनिशर्स महेंद्र सिंह धोनी और रविंद्र जडेजा के सामने एक ओवर में 17 रन नहीं बनने दिए। इस मैच के बाद दयाल ने अपने और अपनी मां के हर जख्म पर मरहम लगा दिया। उस ओवर के बाद दयाल ने अपनी मां को वीडियो कॉल किया और पूछा कि कैसा फील कर रही हो। दयाल परिवार में देर रात तक जश्न चलता रहा। उनके पिता चंद्रपाल ने कहा कि उनके बेटे ने अपनी मां से कहा था कि उसे यकीन है कि वह एम एस धोनी को विजयी रन नहीं बनाने देंगे। क्लब स्तर पर क्रिकेट खेल चुके चंद्रपाल 2019 में प्रयागराज में महा लेखाकार के कार्यालय से रिटायर हुए हैं।
यश के पिता का बड़ा बयान
अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम पर नौ अप्रैल को रिंकू सिंह के पांच छक्के झेलने वाले अपने बेटे के साथ वह चट्टान की तरह डटे रहे हैं। उन्होंने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा कि वो डरावना सपना फिर से आ रहा था जब धोनी ने पहली गेंद पर छक्का लगाया। लेकिन मुझे भीतर से लग रहा था कि इस बार कुछ अच्छा होगा। यह उसकी कड़ी मेहनत का नतीजा है। ईश्वर की कृपा है। पिछले आईपीएल के बाद वह बीमार हो गए थे लेकिन उसके पिता उसके प्रेरणास्रोत बने।
उन्होंने कहा कि मैं उसे स्टुअर्ट ब्रॉड का उदाहरण देता था कि कैसे टी20 विश्व कप 2007 में युवराज सिंह के एक ओवर में छह छक्के गंवाने के बावजूद स्टुअर्ट ब्रॉड इतना महान गेंदबाज बना। मैंने यही कोशिश की कि वह मानसिक रूप से मजबूत बना रहे और डिप्रेशन का शिकार नहीं हो। दयाल ने वापसी के लिए फिटनेस और मानसिक दृढता हासिल करने की कवायद में मीठा, आइसक्रीम और मटन कीमा तक खाना छोड़ दिया था।
PTI Inputs
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