A
Hindi News खेल क्रिकेट Vishwa Hindi Diwas 2025: क्रिकेट कमेंट्री में हिन्दी को पहचान दिलाने वाले दिग्गज

Vishwa Hindi Diwas 2025: क्रिकेट कमेंट्री में हिन्दी को पहचान दिलाने वाले दिग्गज

WORLD HINDI DAY: आज पूरी दुनिया में विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

Cricket Commentry- India TV Hindi Image Source : GETTY क्रिकेट कमेंट्री

Vishwa Hindi Diwas 2025: भारत और हिंदी भाषा बोलने वाले लोगों के लिए 10 जनवरी का दिन बेहद खास होता है क्योंकि इस दिन को विश्व हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाता है। हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, बल्कि भावनाओं, संस्कृति और विचारों को जोड़ने वाली एक कड़ी है। हिंदी एक पहचान है। हिन्दी आत्मगौरव और आत्म सम्मान है। हिंदी सिर्फ एक भाषा ही नहीं, बल्कि जज्बात है, जो पूरे देश को एक सूत्र में पिरोती है। हिंदी उन चुनिंदा भाषाओं में से एक है जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाती है। यही वजह है कि खेल की दुनिया में भी हिंदी का डंका बजता है। 

क्रिकेट कहने को तो विदेशी खेल है लेकिन जब बात भारतीय क्रिकेट की आती है तो कोई भी मैच हिंदी कमेंट्री के बिना संभव नहीं है। एक जमाना था जब क्रिकेट में सिर्फ इंग्लिश कमेंट्री का बोलबाला होता था लेकिन समय बदला और फिर हिंदी कमेंट्री ने अपनी एक अलग पहचान बना ली। अब तो रवि शास्त्री और संजय मांजरेकर जैसे इंग्लिश कमेंटेटर भी हिंदी में कमेंट्री कर खूब नाम कमा रहे हैं। हालांकि, क्रिकेट में हिंदी कमेंट्री के लिए अपनी पहचान बिलकुल भी आसान नहीं रहा। एक वक्त था जब क्रिकेट को अंग्रेजों का खेल कहा जाता था और अंग्रेजियत क्रिकेट में रची बसी थी। क्रिकेट की कमेंट्री भी अंग्रेजी में ही हुआ करती थी लेकिन फिर समय ने करवट ली और भारत में आकाशवाणी ने छोटे-छोटे प्रयोग किए जिसने हिंदी कमेंट्री को जल्द ही घर-घर में लोकप्रिय बना दिया।

हिंदी कमेंट्री ने क्रिकेट को पहुंचाया घर-घर

जब भारत में हर घर में टीवी नहीं था तो लोग रेडियो पर ही क्रिकेट मैच की कमेंट्री सुना करते थे। तब एक रेडियो सेट कई लोगों के लिए लाइव मैच का हाल जानने का एकमात्र जरिया होता था। ऐसे में हिंदी में कमेंट्री करने वाले कमेंटेटर्स की आवाज क्रिकेट प्रेमियों के सीधे दिल में पहुंचती थी। क्रिकेट में जब हिंदी कमेंट्री का आगाज हुआ तो उस दौर में सुशील दोशी देश में क्रिकेट की आवाज कहे जाते थे, क्योंकि उनकी आवाज के जरिए ही हर क्रिकेट फैन को मैच की लाइव कमेंट्री सुनने को मिलती थी। कई सालों तक क्रिकेट प्रेमियों ने उनकी आवाज के जरिए भारतीय क्रिकेट की सफलता की सीढ़ियां चढ़ते देखा और फिर जब घर-घर में टीवी सेट पहुंच गया तो फिर कई पूर्व क्रिकेटरों ने खेल को अलविदा कहने के बाद कमेंटेटर के रुप में नई पारी का आगाज किया।

खूब मिल रहा फैंस का प्यार 

क्रिकेट में हिंदी भाषा की बढ़ती मांग को देखते हुए अब हिंदी कमेंट्री के लिए अलग से चैनल ही खोल दिए गए हैं। इन चैनलों पर कमेंट्री करते हुए विवेक राजदान और आकाश चोपड़ा ने हिंदी कमेंट्री को एक नई पहचान दिलाने का काम किया है। क्रिकेट में हिंदी की सफलता को देखते हुए अब IPL में स्थानीय भाषाओं में भी कमेंट्री शुरू हो चुकी है और खेल प्रेमियों को ये खासा पसंद भी आ रहा है। 

Latest Cricket News