क्या अंपायर के गलत फैसले से हारी श्रीलंका, कप्तान ने अंपायर को कहा - 'छोड़ दो ये काम...'
अफगानिस्तान के खिलाफ अंपायर का एक फैसला श्रीलंकाई टीम को भारी पड़ा गया और टीम को अफगानिस्तान के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इस बाद श्रीलंका के कप्तान ने अंपायर को लेकर बड़ा बयान दिया है।
SL vs AFG: श्रीलंका और अफगानिस्तान के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज खेली गई। इस सीरीज के तीसरे मुकाबले में श्रीलंकाई टीम को हार का सामना करना पड़ा। हालांकि श्रीलंका ने सीरीज के पहले दो मुकाबलों में मिली जीत के कारण सीरीज 2-1 से अपने नाम कर लिया, लेकिन सीरीज खत्म होने के बाद श्रीलंकाई कप्तान काफी नाराज नजर आए। श्रीलंका के नए टी20 कप्तान वानिंदु हसरंगा उस समय नाराज हो गए जब अफगानिस्तान के खिलाफ आखिरी ओवर में अंपायर लिंडन हैनिबल ने एक गेंद को नॉ बॉल नहीं दिया और उनकी टीम ने बुधवार को रंगिरी दांबुला इंटरनेशनल स्टेडियम में मेहमान टीम के खिलाफ क्लीन स्वीप दर्ज करने का मौका गंवा दिया।
क्या था पूरा मामला?
श्रीलंका को आखिरी ओवर में जीत के लिए 19 रनों की जरूरत थी, मेजबान टीम 210 रनों का पीछा कर रही थी और उनकी आखिरी ओवर में उम्मीद तब और बढ़ गई जब कामिंदु मेंडिस ने पहली तीन गेंदों में दो चौके लगाकर अपनी टीम को मैच में वापसी की उम्मीद दे डाली। हालांकि, ओवर की चौथी गेंद पर खेल पलट गया, जब मेंडिस की कमर की ऊंचाई से ऊपर तक गई एक हाई फुलटॉस को हैनिबल ने लीगल गेंद करार दे दिया। मेंडिस ने इस गेंद पर रिव्यू की मांग की लेकिन आईसीसी के नियमों में कुछ नए बदलाव के अनुसार उन्हें रिव्यू नहीं मिली।
हालांकि जब गेंद उनके पास से गुजरी तब मेंडिस अपनी क्रीज से बाहर थे, लेकिन वह थोड़ा झुके हुए थे और अगर वह क्रीज से खेलते तो गेंद वैसे भी उनकी कमर के ऊपर से निकल जाती। वफादार मोमंद ने अगला शॉट शॉर्ट मारा और इसे वाइड करार दिया गया। श्रीलंका को अंतिम दो में से 10 रन की जरूरत थी लेकिन अंतिम डिलीवरी पर एक डॉट ने खेल को अफगानिस्तान के पक्ष में कर दिया। हसरंगा हैनिबल के इसे नो-बॉल न बताने के फैसले से नाराज थे और खेल के बाद उन्होंने कई बड़े बयान दे डाले।
अंपायर को लेकर हसरंगा का बड़ा बयान
अफगानिस्तान के खिलाफ तीसरा टी20 मैच खत्म होने के बाद हसरंगा ने कहा कि इंटरनेशनल मैच में इस तरह की चीज नहीं होनी चाहिए। अगर यह कमर की ऊंचाई के करीब होती, तो कोई समस्या नहीं होती। लेकिन एक गेंद जो इतनी ऊपर जा रही हो, अगर आप यह नहीं देख सकते हैं, तो वह अंपायर इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए फिट नहीं है। यह बेहतर होगा कि वह कोई दूसरा काम करे। हालांकि हसरंगा ने हैनिबल का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने नॉन-नो-बॉल कॉल के लिए उनकी आलोचना की और आईसीसी से खेल की स्थितियों में बदलाव लाने का आग्रह किया।
हसरंगा ने अपने बयान में आगे कहा कि ऐसी स्थिति थी जहां आप पहले उन कॉलों की रिव्यू कर सकते थे, लेकिन आईसीसी ने इससे छुटकारा पा लिया है। हमारे बल्लेबाजों ने इसकी रिव्यू करने की कोशिश की। यदि थर्ड अंपायर फ्रंट-फुट नो-बॉल की जांच करने में सक्षम है, तो उन्हें इस तरह के नो-बॉल का भी जांच करना चाहिए। ऐसा कोई कारण नहीं है कि वे ऐसा क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने ऐसा भी नहीं किया, इसलिए मुझे यकीन नहीं है कि उस समय उनके स्क्वायर-लेग अंपायर के दिमाग में क्या चल रहा था।
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