विजय हजारे ट्रॉफी के चौथे क्वार्टर फाइनल में सेना ने केरल को 7 विकेट से मात देकर फाइनल में जगह बनाई। सेना की इस जीत में उनके गेंदबाजों समेत सलामी बल्लेबाज रवि चौहान और कप्तान रजत पालीवाल चमके जिन्होंने बल्ले से अपना योगदान दिया। पहले बल्लेबाजी करते हुए केरल ने सेना के सामने मात्र 176 रनों का लक्ष्य रखा था जिसे उन्होंने चौहान के 95 और पालीवाल के 65 रनों की मदद से 30.5 ओवर में ही हासिल कर लिया।
इससे पहले टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी केरल की टीम तेज गेंदबाज दिवेश पठानिया (19 रन पर तीन विकेट), अभिषेक तिवारी (33 रन पर दो विकेट) और पुलकित नारंग (51 रन पर दो विकेट) की धारदार गेंदबाजी के सामने 40.4 ओवर में 175 रन पर ढेर हो गई। केरल की ओर से सलामी बल्लेबाज रोहन कुनुमल ने रन आउट होने से पहले सर्वाधिक 85 रन बनाए।
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पठानिया ने सातवें ओवर में मोहम्मद अजहरूद्दीन (07) और जलज सक्सेना (00) को लगातार गेंदों पर आउट करके केरल को दोहरा झटका दिया। रोहन और विनूप मनोहरन (41) ने तीसरे विकेट के लिए 81 रन जोड़कर पारी को संभाला। नारंग ने अपनी ही गेंद पर विनूप का कैच लपकर इस साझेदारी को तोड़ा। केरल ने इसके बाद नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए।
रोहन ने हालांकि एक छोर संभाले रखा। उन्होंने 77 गेंद में अपना दूसरा लिस्ट ए अर्धशतक पूरा किया। रोहन हालांकि 37वें ओवर में छठे बल्लेबाज के रूप में रन आउट हो गए जिसके बाद केरल की पारी को सिमटने में अधिक समय नहीं लगा। रोहन ने 106 गेंद का सामना करते हुए सात चौके और दो छक्के जड़े।
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लक्ष्य का पीछा करते हुए सेना ने भी लाखन सिंह (04) और मुमताज कादिर (04) के विकेट जल्दी गंवा दिए जिससे दूसरे ओवर में ही टीम का स्कोर दो विकेट पर 12 रन हो गया। दोनों विकेट उन्नीकृष्णन मनुकृष्णन (23 रन पर दो विकेट) ने हासिल किए। चौहान और पालीवाल ने हालांकि शतकीय साझेदारी करके केरल की वापसी की उम्मीदें तोड़ दी।
चौहान ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए 47 गेंद अर्धशतक पूरा किया। कप्तान पालीवाल ने धैर्य के साथ बल्लेबाजी करते हुए चौहान को अधिक स्ट्राइक दी। सेमीफाइनल में शुक्रवार को जयपुर में ही सेना का सामना हिमाचल प्रदेश से होगा।
(With PTI Inputs)
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