ICC के एक फैसले ने खत्म किया इस खिलाड़ी का करियर, करना पड़ा संन्यास का ऐलान
Danielle McGahey: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के एक नए नियम के बाद 29 साल की एक खिलाड़ी को संन्यास का ऐलान करना पड़ा है। इस खिलाड़ी ने अपने करियर में कुल 6 इंटरनेशनल मैच खेले।
Danielle McGahey Retires: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने हाल ही में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों के इंटरनेशनल महिला क्रिकेट खेलने पर बैन लगा दिया है। आईसीसी ने उन क्रिकेटरों को महिलाओं के खेल में प्रतिस्पर्धा करने से रोक दिया जो 'मेल प्यूबर्टी' हासिल कर चुके हैं। इसमें सर्जरी या लिंग परिवर्तन के मामले भी शामिल हैं। आईसीसी के इस फैसले के बाद दुनिया की पहली इंटरनेशनल ट्रांसजेंडर क्रिकेटर ने संन्यास का ऐलान कर दिया है।
इस खिलाड़ी ने किया संन्यास का ऐलान
आईसीसी के इस नए नियम के बाद दुनिया की पहली ट्रांसजेंडर क्रिकेटर डेनिएल मैकगाहे ने संन्यास का ऐलान कर दिया है। पहली ट्रांसजेंडर क्रिकेटर डेनिएल मैकगाहे कनाडा टीम की हिस्सा थीं। मैकगाहे इसी साल इंटरनेशनल क्रिकेट में खेलने वाली पहली ट्रांसजेंडर प्लेयर बनी थीं। उन्होंने संन्यास के ऐलान के साथ-साथ अपनी निराश भी व्यक्त की है।
सोशल मीडिया पर शेयर किया भावुक पोस्ट
29 साल की डेनिएल मैकगाहे ने सोशल मीडिया पर संन्यास का ऐलान करते हुए लिखा कि आईसीसी के फैसले के बाद मुझे बहुत भारी मन से कहना पड़ रहा है कि मेरा इंटरनेशनल क्रिकेट करियर खत्म हो गया है। आईसीसी के फैसले पर मेरी अपनी राय है, कि आज दुनियाभर के लाखों ट्रांस महिलाओं को एक मैसेज भेजा गया, जिसमें कहा गया है, हमारा कोई अधिकारा नहीं है. मैं वादा करता हूं कि मैं खेल में हमारी बराबरी के लिए लड़ना बंद नहीं करूंगी. हमें उच्चतम स्तर पर क्रिकेट खेलने का अधिकार है. हम इस खेल की सुरक्षा और अखंडता के लिए कोई खतरा नहीं है.
6 मैचों का इंटरनेशनल करियर
मैकगेही का जन्म अप्रैल 1994 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ था। उन्होंने मई 2021 में अपना मेडिकल ट्रांजिशन शुरू करने के बाद क्रिकेट करियर शुरू किया। उन्होंने कनाडा के लिए कुल 6 क्रिकेट मैच खेले हैं। महिला T20 वर्ल्ड कप अमेरिका जोन क्वालीफायर में कनाडा के लिए उन्होंने 19.67 की औसत से 118 रन बनाए।
ICC ने बनाया ये नया नियम
आईसीसी ने हाल ही में एक बयान जारी करते हुए कहा कि नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में) पर आधारित है. महिलाओं के खेल की अखंडता, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन। इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला बनने वाले खिलाड़ी जो किसी भी प्रकार की ‘मेल प्यूबर्टी’ से गुजर चुके हैं वे सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद इंटरनेशनल महिला क्रिकेट में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।
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