टेस्ट डेब्यू में इस खिलाड़ी ने बनाया ऐसा रिकॉर्ड जो 120 साल बाद भी अटूट, फुटबॉल में भी दिखाया जौहर
क्रिकेट की दुनिया में एक ऐसा नाम भी हुआ जिसने 1903 में ऐसा रिकॉर्ड बनाया जो आज भी नहीं टूटा। इतना ही नहीं उन्होंने अपने देश के लिए क्रिकेट और फुटबॉल दोनों में टीम का नेतृत्व किया।
क्रिकेट की दुनिया में ऐसे बहुत कम खिलाड़ी रहे जिन्होंने किसी अन्य खेल में भी अपना नाम कमाया। वहीं खेल जगत में एक ऐसा नाम भी रहा जिसने अपने देश के लिए क्रिकेट खेला और फुटबॉल में भी उस खिलाड़ी ने अपनी टीम का नेतृत्व किया। उस खिलाड़ी के नाम टेस्ट डेब्यू में दोहरा शतक लगाकर सबसे बड़ा स्कोर बनाने का रिकॉर्ड भी है। यह रिकॉर्ड आज भी टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा डेब्यू टेस्ट पारी का स्कोर है। 1903 में इंग्लैंड के टिप फॉस्टर ने यह कारनामा किया था।
क्रिकेट और फुटबॉल दोनों फील्ड में फोस्टर का जलवा
फॉस्टर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में 287 रनों की पारी खेली थी। यह स्कोर दुनियाभर में किसी भी बल्लेबाज के द्वारा टेस्ट डेब्यू में बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर भी है। इस रिकॉर्ड को आज 120 साल बाद भी कोई खिलाड़ी नहीं तोड़ पाया है। फॉस्टर सिर्फ एक शानदार क्रिकेटर ही नहीं बल्कि बेहतरीन फुटबॉलर भी थे। वह क्रिकेट और फुटबॉल दोनों में इंग्लैंड का नेतृत्व करने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं। उन्होंने इंग्लैंड के लिए आठ टेस्ट मैच और नेशनल फुटबॉल टीम के लिए छह मैच खेले। वह बहुत कम उम्र में ही अपने स्वास्थ्य से परेशान हो गए थे और महज 36 वर्ष की उम्र में ही उनका निधन हो गया था।
फॉस्टर के कुछ रिकॉर्ड आज भी अटूट
16 अप्रैल 1878 को जन्मे टिप फॉस्टर के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि जो अपने में ही खास है वो है क्रिकेट और फुटबॉल दोनों में नेशनल टीम का नेतृत्व करना। उन्होंने हालांकि अपने करियर में मैच बहुत ज्यादा नहीं खेले लेकिन आठ टेस्ट मैचों में ही फॉस्टर ने क्रिकेट की दुनिया में ऐसे रिकॉर्ड बनाए जो लंबे समय तक अटूट हैं। क्रिकेट में सबसे लंबे समय तक चलने वाले कुछ रिकॉर्ड हासिल किए। सबसे बड़ा रिकॉर्ड रहा टेस्ट क्रिकेट के डेब्यू मैच में सबसे बड़ा स्कोर बनाने का। फोस्टर ने इंग्लैंड के लिए दो सीरीज खेलीं। उनके पहले पांच टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ थे और अगले तीन टेस्ट साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने खेले थे।
फॉस्टर के करियर पर एक नजर
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर फॉस्टर का डेब्यू टेस्ट आज भी यादगार है। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 285 रन बनाए थे। उसके बाद इंग्लैंड के लिए पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए फॉस्टर ने अकेले 287 रनों की पारी खेल दी जिसमें 37 चौके उन्होंने लगाए थए। हालांकि, यह उनका एकमात्र टेस्ट शतक था जो आज भी टेस्ट क्रिकेट इतिहास का अटूट रिकॉर्ड है। उन्होंने इंग्लैंड के लिए अपना आखिरी टेस्ट 29 वर्ष की उम्र में खेला था। उनके नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 9,000 से अधिक रन दर्ज थे। इसके अलावा फॉस्टर ने इंग्लैंड के लिए छह फुटबॉल मैच खेले और तीन गोल भी उन्होंने किए। इंग्लैंड के लिए फॉस्टर को आखिरी फुटबॉल मैच में कप्तानी करने का मौका भी मिला जो गोलरहित ड्रा पर समाप्त हुआ था।