वर्ल्ड कप 2023 के लिए टीम इंडिया कितनी तैयार? वेस्टइंडीज सीरीज के बाद खड़े हुए यह 5 सवाल
भारत में 5 अक्टूबर से वर्ल्ड कप 2023 की शुरुआत होगी। टीम इंडिया को 5 सितंबर तक स्क्वॉड जारी करना है यानी उससे पहले वेस्टइंडीज सीरीज आखिरी सीरीज थी।
वर्ल्ड कप 2023 के लिए टीम इंडिया कितनी तैयार? वेस्टइंडीज सीरीज के बाद खड़े हुए यह 5 सवाल
भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली है। इस सीरीज के अंतिम मैच में भारत के बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों ने कमाल का प्रदर्शन किया। लेकिन इस साल 5 अक्टूबर से भारत में शुरू होने वाले वर्ल्ड कप के लिहाज से देखें तो, यह सवाल अभी भी सबके जहन में है कि टीम इंडिया कितनी तैयार है? इतना ही नहीं इस सीरीज में जिस तरह से प्रयोग किए गए उसे देख कई सवाल भी टीम के बैलेंस और उसके कॉम्बिनेशन को लेकर खड़े हो गए हैं। भारतीय टीम की वर्ल्ड कप का स्क्वॉड जारी होने से पहले यह अंतिम वनडे सीरीज थी, इसके बावजूद इसमें विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे बड़े खिलाड़ियों ने खुद को टेस्ट करना सही नहीं समझा। इसका मतलब साफतौर पर यह तय हो गया कि वेस्टइंडीज सीरीज को युवाओं के लिए वर्ल्ड कप चयन के ऑडीशन के तौर पर रखा गया था।
इस सीरीज के पहले दो मैचों में जब धीमा और टर्निंग ट्रैक मिला तो कुछ वैसा ही दिखा जो पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया की बल्लेबाजी में देखने को मिल रहा था। स्पिनर्स के खिलाफ स्ट्रगल, धीमी पिच पर रन बनाने में मुश्किलें। यही कारण था कि विराट और रोहित के बल्लेबाजी करे बिना 115 रनों का लक्ष्य चेज करते हुए टीम ने 5 विकेट गंवा दिए थे। उसके बाद दूसरे वनडे में तो बिना रोहित और विराट के पूरी टीम ही 181 रनों पर सिमट गई। फिर तीसरे वनडे में जब फ्लैट ट्रैक मिला तो सभी ने तेवर दिखाए। यहां भी 33 ओवर से 40 ओवर तक जब पिच धीमी होने लगी और स्पिनर्स हावी हुए तो भारतीय बल्लेबाज 7 ओवर में 1 विकेट गंवाकर सिर्फ 16 रन बना पाए। अंतिम 15 ओवर का यह मामला था और सबसे हैरानी भरी बात थी कि उस वक्त दो सबसे शानदार फिनिशर और अटैकिंग बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव व हार्दिक पांड्या क्रीज पर थे। वो तो कप्तानी की चूक रही अगर स्पिनर्स के ओवर बचते तो शायद टीम इंडिया 351 रन तक भी नहीं पहुंच पाती। इन्हीं सब पहलुओं से जुड़े कई सवाल अब सामने आ रहे हैं।
वर्ल्ड कप से पहले ढूंढने होंगे इन 5 सवालों के जवाब?
सवाल नंबर 1- 2019 में खेले गए वर्ल्ड कप के पहले से या फिर कहें 2011 वर्ल्ड कप के बाद से कभी टीम इंडिया अपने नंबर चार को लेकर श्योर नहीं हो पाई। एक बार फिर वर्ल्ड कप सिर पर है और टीम इंडिया का नंबर 4 तय नहीं है। पिछले कुछ सालों में श्रेयस अय्यर को इस पोजीशन के लिए तैयार किया गया लेकिन उनकी फिटनेस चर्चा का विषय है। अभी भी वह टीम से बाहर हैं और कुछ तय नहीं है कि एशिया कप में भी उनकी वापसी होगी या नहीं। इस सीरीज में भी नंबर 4 की समस्या दिखी। हालांकि, निर्णायक मुकाबले में सेट प्लेटफॉर्म मिलने के बाद संजू सैमसन ने आकर अर्धशतक लगाया लेकिन अभी भी रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ को इस सवाल का सही जवाब ढूंढना होगा। शायद उसके लिए श्रेयस अय्यर की फाइनल फिटनेस रिपोर्ट का भी इंतजार टीम को होगा।
सवाल नंबर 2- ईशान किशन ने वेस्टइंडीज सीरीज के तीनों मुकाबलों में अर्धशतक जड़ा है। अब वह वर्ल्ड कप स्क्वॉड में जगह बनाने की रेस में काफी आगे भी हो गए हैं। लेकिन अभी भी उनका रोल क्या है यह स्पष्ट नहीं है। यह तीनों अर्धशतक उन्होंने ओपनिंग करते हुए लगाए। जब रोहित आएंगे तो वह और शुभमन गिल ही ओपनिंग करेंगे। उस समय ईशान किशन का क्या रोल होगा। पिछली कुछ सीरीज में उन्हें नंबर 4 और मध्यक्रम में ट्राई किया गया लेकिन वहां वह कुछ खास नहीं कर पाए थे। वह एक विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर भी अगर खेलेंगे तो उन्हें मध्यक्रम में खुद को साबित करना होगा, लेकिन यहां तो वह ओपनिंग कर रहे थे। यही कंफ्यूजन है, वह आपके बैकअप ओपनर होंगे या मध्यक्रम के बल्लेबाज इस सवाल का जवाब टीम को ढूंढना होगा।
सवाल नंबर 3- यह सवाल दूसरे सवाल से कुछ हद तक जुड़ा हुआ है। केएल राहुल इंजर्ड हैं और उनकी वापसी एशिया कप में होगी या नहीं यह देखने वाली बात होगी। पिछले साल भी इंजरी के बाद वह सीधे एशिया कप में खेले थे। वहां से वर्ल्ड कप तक उनका प्रदर्शन सवालों के घेरे में रहा था। इस साल भी कुछ वैसा ही हो सकता है। वह सीधे एशिया कप में आएंगे भी तो उनकी तैयारियों का क्या जो पिछले कुछ समय से नहीं हो पाई। फिर सवाल यह भी आता है कि उनको कुछ समय पहले से वनडे में विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर तैयार किया जा रहा था। अब सीधे वह एशिया कप में आते भी हैं तो इतने समय से ईशान किशन, संजू सैमसन जो विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर टीम में खेल रहे हैं। उनका क्या होगा, इस सवाल का जवाब भी टीम मैनेजमेंट को तलाशना होगा।
सवाल नंबर 4- साल 2011 में जब टीम इंडिया ने वनडे वर्ल्ड कप जीता या साल 2013 में जब चैंपियंस ट्रॉफी जीती इन दोनों टूर्नामेंट में फिनिशर्स का रोल बहुत अहम रहा। 2011 वर्ल्ड कप में युवराज सिंह, सुरेश रैना जैसे खिलाड़ियों ने कई मौकों पर अपनी भूमिका को बखूबी निभाया था। इस बार अगर हम भारत में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं तो हमारा फिनिशर कौन होगा, यह सबसे बड़ा सवाल है? सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा इनमें से कौन? पिछले कुछ समय से इन तीनों बल्लेबाजों को नंबर 4 से लेकर नंबर 7 तक काफी भूमिकाओं में आजमाया गया है। फिलहाल तो कोई अंतिम समाधान नहीं निकलता दिख रहा। अब देखना होगा कि एशिया कप तक यह अहम रोल कौन निभाएगा, इसका जवाब टीम इंडिया का मैनेजमेंट ढूंढ पाता है या नहीं।
सवाल नंबर 5- टीम इंडिया का गेंदबाजी आक्रमण कई मौकों पर पिछले कुछ सालों में उसकी ताकत रही है। इसके बावजूद आईसीसी इवेंट में हार मिलना यह सबसे बड़ा सवाल है? इसका कारण यह भी हो सकता है कि स्थिर बॉलिंग कॉम्बिनेशन का नहीं होना। सिराज और शमी ने पिछली कुछ सीरीज में लगातार साथ क्रिकेट खेला है। शार्दुल ठाकुर और हार्दिक पांड्या ने भी एकसाथ लगातार कई मैच खेले हैं। बस इस लाइन अप में एक कमी थी जसप्रीत बुमराह की यानी पेस बैट्री तो आपकी तैयार है। अब अगर स्पिन पर आएं तो रवींद्र जडेजा का तो हर हाल में खेलना तय है लेकिन युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव में से कौन आपके लिए बेहतर विकल्प है, इसका जवाब ढूंढना शायद अभी बाकी है। हालांकि, विंडीज सीरीज में तीनों वनडे कुलदीप ने खेले और चहल को मौका नहीं मिला। पर क्या यह अंतिम फैसला है मैनेजमेंट का कि कुलदीप और जडेजा की जोड़ी के साथ ही वह जाने वाले हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।