राहुल द्रविड़ लगभग आठ महीने से टीम इंडिया के हेड कोच हैं। उन्होंने बतौर कोच 17 नंवबर 2021 को न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज से अपने सफर की शुरुआत की थी। पिछले 10 दिनों में साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुए पांच टी20 मैच में टीम इंडिया के प्लेइंग इलेवन में भले ही की बदलाव नहीं हुआ हो, लेकिन द्रविड़ के कोच बनने के बाद से अब तक टीम को छह अलग-अलग कप्तान मिल चुके हैं।
‘कप्तानों को बदलने का नहीं था कोई प्लान’
भारतीय टीम के हेड कोच राहुल द्रविड़ का कहना है कि उन्होंने आठ महीनों में खेल के सभी फॉर्मेट में छह कप्तानों की योजना नहीं बनाई थी। खराब से खराब हालात में पॉजिटिव ढूंढने वाले मिस्टर डिपेंडेबल ने कहा कि इससे टीम के अंदर ज्यादा कप्तान तैयार करने का मौका मिला। द्रविड़ ने टी20 विश्व कप के बाद नवंबर में टीम की कोचिंग की कमान संभाली थी। इसके बाद से कोविड-19 से जुड़े बबल ब्रेक और इंजरी के कारण दिए गए ब्रेक के चलते कप्तान के तौर पर विराट कोहली, रोहित शर्मा, शिखर धवन, केएल राहुल, ऋषभ पंत और हार्दिक पंड्या ने टीम की कमान संभाली। बता दें कि पांड्या आयरलैंड दौरे पर टीम के कप्तान होंगे।
कप्तानों में बदलाव का नफा-नुकसान
आमतौर पर कोई भी टीम बहुत जरूरी होने पर ही कप्तानी में बदलाव करती है। कप्तान के बदलने से मैदान में पूरी टीम का सेटअप बदल जाता है। ऐसे में आठ महीने में छह कप्तानों के आने से होने वाले नफा-नुकसान पर द्रविड़ ने कहा, ‘‘यह चुनौतीपूर्ण भी रहा है, हमने अंतिम आठ महीनों में छह कप्तान उतारे, जो दरअसल किसी प्लान का हिस्सा नहीं था। लेकिन हम जितने मैच खेल रहे हैं, यह उसकी वजह से हुआ है।’’
ज्यादा मैच खेलने से मिले ज्यादा कप्तान
बेशक हर सीरीज में नए कप्तान के साथ खेलना सामान्य स्थिति नहीं है। ऐसे में द्रविड़ का मानना है कि ऐसा भी समय आता है जब परिस्थितियों को स्वीकार करना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण मुझे कुछ लोगों के साथ काम करना पड़ा जो शानदार रहा। कई खिलाड़ियों को टीम की अगुआई का मौका मिला, हमें ग्रुप में और कप्तान तैयार करने का मौका मिला।’’
भारतीय टीम में कप्तानों को बदलने का ये सिलसिला अब रुक सकता है। इंग्लैंड दौरे पर तमाम बड़े नाम टीम से जुड़ जाएंगे। यहां से टीम इसी साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए एक ठोस रूप लेना शुरू करेगी, जिसकी पहली शर्त होगी सिर्फ एक कप्तान की मौजूदगी।
Latest Cricket News