आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 में मेजबान भारत की टीम अपने अभियान का आगाज 8 अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई के मैदान पर होने वाले मुकाबले के साथ करेगी। भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ के लिए बतौर कोच यह दूसरा वर्ल्ड कप का इवेंट होने जा रहा है। इससे पहले साल 2022 में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप में जब द्रविड़ कोच थे तो टीम इंडिया सेमीफाइनल तक का ही सफर करने में कामयाब हो सकी थी। अपने समय के महान बल्लेबाजों में गिने जाने वाले राहुल द्रविड़ लीडरशिप के मामले में खुद को साबित करने में कामयाब नहीं हो सके। साल 2007 के वनडे वर्ल्ड कप में द्रविड़ की ही कप्तानी में टीम इंडिया ग्रुप स्टेज से बाहर हो गई थी।
मैं खुद को एक खिलाड़ी के तौर पर भूल चुका हूं
भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल ने क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद बतौर कोच अपनी नई भूमिका को लेकर पूरी तरह से अपना ध्यान लगा रहे हैं। द्रविड़ ने अब इस बात को स्वीकार किया है कि वह बतौर खिलाड़ी उन सभी चीजों को भूल चुके हैं, जिनको पसंद करते हैं।
राहुल द्रविड़ ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से पहले हुई प्रेस वार्ता में कहा कि मैं लगभग इस बात को भूल चुका हूं कि मैं एक समय खिलाड़ी था। मैं उन सभी चीजों से आगे बढ़ चुका हूं। मैं खुद को अब एक खिलाड़ी के तौर पर नहीं देखता हूं। मेरा ध्यान अब पूरे ग्रुप की मदद करने पर है ताकि वह अपना बेहतर प्रदर्शन कर सके। मेरा मतलब यह है कि सपोर्ट स्टाफ और कोच का काम ये ही होता है। वह अपने कप्तान की हरसंभव मदद कर सके जिसका लाभ टीम को मिले ताकि वह अपने लक्ष्यों को हासिल करने में कामयाब हो सके।
हम सिर्फ खिलाड़ियों को सपोर्ट कर सकते हैं
अपने बयन में राहुल द्रविड़ ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि एक कोच के तौर पर आप ना तो एक रन बना सकते और ना ही विकेट ले सकते हैं। हम सिर्फ खिलाड़ियों का समर्थन कर सकते हैं। बता दें कि वनडे वर्ल्ड कप 2023 के खत्म होने के साथ राहुल द्रविड़ का बतौर मुख्य कोच का कार्यकाल भी भारतीय टीम के साथ खत्म हो जाएगा।
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