T20 World Cup: ‘टी20 टीम से बाहर था, लेकिन अभ्यास नहीं छोड़ा’, शमी ने अपने वर्ल्ड कप की तैयारियों पर किए खुलासे
T20 World Cup: मोहम्मद शमी मौजूदा टी20 विश्व कप में चार पारियों में 4 विकेट ले चुके हैं।
T20 World Cup: बांग्लादेश के खिलाफ एक बार फिर से अपनी गेंदबाजी से प्रभावित करने के बाद मोहम्मद शमी ने अपनी तैयारियों पर पहली बार खुलकर बात की। भारतीय तेज गेंदबाज ने बांग्लादेश के खिलाफ जीत के बाद मीडिया से बात की और बताया कि कैसे उन्होंने टी20 टीम से बाहर होकर भी खुद को तैयार किया।
शमी ने बताया कि पिछले एक साल से टी20 टीम से बाहर होने के बावजूद टीम प्रबंधन और उनके बीच संवाद बना हुआ था। इसी वजह से वह मानसिक रूप से हमेशा तैयार थे। गौरतलब है कि शमी ने इस साल टी20 वर्ल्ड कप में खेलने से पहले आखिरी बार यूएई में टी20 विश्व कप के दौरान खेला था जिसके बाद तय किया गया कि वह टेस्ट और वनडे ही खेलेंगे। लेकिन जसप्रीत बुमराह के फ्रेक्चर, दीपक चाहर को लगी चोट और आवेश खान के खराब फॉर्म के कारण टीम प्रबंधन को टी20 विश्व कप में शमी को बुलाना ही पड़ा।
मैंने अभ्यास नहीं छोड़ा था
शमी ने बांग्लादेश पर पांच रन से मिली जीत के बाद मिश्रित जोन में कहा, ‘‘यह सब तैयारी पर निर्भर करता है। टीम प्रबंधन आपसे हमेशा तैयार रहने के लिए कहता है। जब टीम को जरूरत होगी, आपको बुलाया जाएगा और यह आपको हमेशा बताया जाता है। अगर आपने मेरे वीडियो देखे हों तो मैने अभ्यास कभी नहीं छोड़ा था। मैं लगातार अभ्यास कर रहा था।’’
आत्मविश्वास होना जरूरी
इंग्लैंड दौरे के बाद से टीम से बाहर रहे शमी को दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टी20 श्रृंखलाओं के लिये टीम में शामिल किया गया लेकिन फिर वह कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए। शमी ने कहा, ‘‘एक प्रारूप से दूसरे के अनुकूल ढलना हमेशा आसान नहीं होता। यह इस पर निर्भर करता है कि टीम से आपका तालमेल कितना है। मैं पिछले टी20 विश्व कप के बाद टी20 खेल रहा हूं और यह सही है कि खिलाड़ी को आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इसके साथ ही अभ्यास बनाये रखना जरूरी है।
अनुभव का मिलता है फायदा
उन्होंने आगे कहा कि इसे आप अनुभव कह सकते हैं कि मैं हमेशा तैयार रहता हूं। मैंने हमेशा नयी गेंद से गेंदबाजी की है लेकिन अभ्यास में मैं पुरानी गेंद से गेंदबाजी करता हूं। मैच के हालात में अच्छे प्रदर्शन के लिये आत्मविश्वास की जरूरत होती है। मेरा हमेशा से मानना है कि अपने हुनर पर भरोसा होना चाहिए। दबाव के पलों में शांत रहना जरूरी है और अनुभव तो काम आता ही है।’’