भारतीय टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 209 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। इस मैच के बाद टीम चयन और कुछ खिलाड़ियों को बाहर किए जाने पर लगातार सवाल खड़े हुए। टीम में नंबर एक स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को भी जगह नहीं दी गई। जिसके बाद बड़े-बड़े दिग्गजों ने इस फैसले पर अपनी नाराजगी जताई। इसी बीच पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी अश्विन को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
गावस्कर को अश्विन के साथ बर्ताव देख आया गुस्सा
सुनील गावस्कर का मानना है कि भारत में किसी अन्य शीर्ष क्रिकेटर के साथ ऐसा चौंकाने वाला बर्ताव नहीं किया गया है, जैसा टॉप स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के साथ किया गया। उन्हें प्लेइंग 11 से बाहर रखा गया। गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा कि आधुनिक युग में किसी भी अन्य टॉप लेवल के भारतीय क्रिकेटर के साथ अश्विन जैसा बर्ताव नहीं किया गया। पहले के समय में उन्होंने घास वाली पिच पर रन नहीं बनाए थे या अगर उन्होंने सूखी स्पिन की अनुकूल पिच पर रन नहीं बनाए थे? निश्चित रूप से नहीं।
शानदार रिकॉर्ड के बावजूद किया गया इग्नोर
92 मैचों में 51.8 की स्ट्राइक-रेट से 474 विकेट और 32 बार पांच या उससे ज्यादा विकेट। अश्विन टॉप लेवल के टेस्ट गेंदबाज हैं। टीम में अश्विन के मौजूद रहने के बावजूद चार तेज गेंदबाजों को प्राथमिकता दी। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी क्रम में बाएं हाथ के पांच बल्लेबाज तक मौजूद थे, लेकिन अश्विन का लेफ्ट हैडर्स के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड होने के बावजूद उन्हें इग्नोर कर दिया गया।
गावस्कर ने कहा कि भारत ने आईसीसी रैंकिंग के नंबर 1 गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को हटा दिया। ऑस्ट्रेलियाई टीम में पांच बाएं हाथ के बल्लेबाज थे और एक बाएं हाथ के ही खिलाड़ी ट्रैविस हेड ने पहली पारी में तेज शतक बनाया।
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