टेस्ट क्रिकेट में बहुत ही कम देखने को मिलता है जब कप्तान के फैसले के कारण किसी बल्लेबाज को शतक या दोहरे शतक के करीब पहुंचने के बाद पवेलियन लौटना पड़ा हो। ऐसा ही कुछ हुआ श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच गॉल में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में। दरअसल, श्रीलंका ने दूसरे टेस्ट में दूसरे दिन जैसे ही 600 रनों का आंकड़ा पार किया तो वैसे ही कप्तान धनंजय डी सिल्वा ने पारी घोषित कर दी। इस फैसले कई श्रीलंकाई फैंस नाराज हो गए क्योंकि टीम का एक युवा बल्लेबाज टेस्ट में अपने पहले दोहरे शतक के बहुत करीब था। अगर कप्तान थोड़ी देर और इंतजार कर लेते तो श्रीलंका क्रिकेट में ही नहीं बल्कि वर्ल्ड क्रिकेट में नया कीर्तिमान बन जाता।
कामेंदु मेंडिस बना रहे रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड
दरअसल, जिस वक्त धनंजय ने पारी घोषित की उस वक्त 164वां ओवर चल रहा था। कुसल मेंडिस अपना शतक पूरा कर चुके थे लेकिन टेस्ट क्रिकेट की नई सनसनी कामेंदु मेंडिंस दोहरे शतक से सिर्फ 18 रन दूर थे। जिस लय में कामेंदु नजर आ रहे थे, उसको देखते हुए उनके जल्द ही दोहरा शतक पूरा होने की उम्मीद थी। लेकिन कप्तान के फैसले से मेंडिस की उम्मीदें धरी की धरी रह गईं। इससे पहले मेंडिस ने शतक जड़ते हुए टेस्ट क्रिकेट में 13 पारियों में 1000 रन बनाने के मामलें में डॉन ब्रैडमैन के रिकॉर्ड की बराबरी की थी।
श्रीलंका की पारी 602/5 रनों के स्कोर पर घोषित करने के पीछे कप्तान धनंजय की सोच न्यूजीलैंड को कुछ ओवर बल्लेबाजी देने और शुरुआती विकेट चटकाने की थी। इसमें वह सफल भी हुए। दिन का खेल खत्म होने तक न्यूजीलैंड के 2 विकेट 22 रन पर गिर गए थे। कीवी टीम के सलामी बल्लेबाज टॉम लैथम और डेवान कॉन्वे सस्ते में पवेलियन लौट चुके थे।
20 साल पुराने मैच की यादें हुई ताजा
कामेंदु मेंडिस जिस तरह अपने दोहरे शतक से चूके, उससे उस पुराने टेस्ट मैच की यादें ताजा हो गई जब सचिन तेंदुलकर दोहरे शतक के करीब थे लेकिन तब के भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने पारी की घोषणा कर दी थी। द्रविड़ के इस फैसले की काफी आलोचना हुई थी क्योंकि सचिन अपने दोहरे शतक से सिर्फ 6 रन दूर थे। ये मैच साल 2004 में भारत और पाकिस्तान के बीच 2004 में खेला गया था।
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