सौरव गांगुली ने कोच को लेकर क्यों कही ऐसी बात, खुद देख चुके हैं वो दौर
बीसीसीआई इस वक्त टीम इंडिया के हेड कोच की तलाश कर रही है। इस बीच पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे सौरव गांगुली ने एक्स पर एक पोस्ट की है।
Sourav Ganguly: टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ अपनी कोचिंग का आखिरी दौरा कर रहे हैं। भारतीय टीम इस वक्त टी20 वर्ल्ड कप 2024 में उतरने की तैयारी कर रही है। इसके बाद राहुल द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। यानी भारतीय टीम को नया कोच मिलेगा। बीसीसीआई ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। इस बीच भारतीय टीम के पूर्व कप्तान, बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे सौरव गांगुली ने कोच को लेकर एक बड़ी बात कही है। चलिए जरा समझने की कोशिश करते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा होगा।
बीसीसीआई ने मांगे हैं हेड कोच के लिए आवेदन
बीसीसीआई ने टीम इंडिया के हेड कोच के पद के लिए आवेदन मांगे थे, जिसकी आखिरी तारीख निकल चुकी है। इस बीच बताया जाता है कि हजारों की संख्या में आवेदन आए। लेकिन मजे की बात ये भी है कि कुछ लोगों ने फर्जी नाम से भी आवेदन कर दिए हैं, इसलिए इनकी संख्या इतनी बढ़ गई। अब बीसीसीआई सही आवेदन छांटेगी, उसके बाद ही असल संख्या सामने आ सकेगी। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं है कि बड़े नामों में किसने किसने हेड कोच बनने के लिए आवेदन किया है। नाम तो काफी चल रहे हैं, लेकिन खुलकर इस मामले में बोलने के लिए कोई भी तैयार नहीं है।
सौरव गांगुली ने एक्स पर किया पोस्ट
अब आज ही अब से कुछ देर पहले पूर्व कप्तान सौरव गांगुली और सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि किसी के जीवन में कोच का महत्व, उनका मार्गदर्शन और निरंतर प्रशिक्षण किसी भी व्यक्ति के भविष्य को आकार देते हैं, चाहे वह मैदान पर हो या मैदान के बाहर। इसलिए कोच और संस्थान का चयन समझदारी से करें। सौरव गांगुली ने बात तो इतन ही लिखी है, लेकिन इसके अलग अलग तरह से मायने निकाले जा रहे हैं। क्या गांगुली ने टीम इंडिया के हेड कोच के हवाले से ये सब लिखा है या फिर कोई और बात है, हालांकि इसे जोड़ा तो इसी से जा रहा है।
ग्रेग चैपल वाला दौर सभी को याद है
दरअसल सौरव गांगुली जब भारतीय टीम के कप्तान थे, उस वक्त ग्रेग चैपल को भारतीय टीम का हेड कोच बनाया गया था। बताया जाता है कि सौरव गांगुली ने ही चैपल को हेड कोच बनाने की पैरवी की थी, लेकिन जब चैपल कोच बने तो सौरव गांगुली के ही सबसे बड़े दुश्मन बन गए थे। सभी को पता है कि उस वक्त भारतीय टीम दो धड़ों में बंट गई थी और सौरव गांगुली को कप्तानी भी छोड़नी पड़ी थी। सौरव गांगुली के सुनहरे क्रिकेट करियर में वो सबसे खराब दौर था। हालांकि कुछ वक्त बाद गांगुली वहां से भी निकले और उसके बाद अपने करियर को आगे बढ़ाया है।
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