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Hindi News खेल क्रिकेट Sourav Ganguly Jay Shah: सुप्रीम कोर्ट से मिला ग्रीन सिग्नल, सौरव गांगुली और जय शाह के BCCI में दूसरे कार्यकाल का खुला रास्ता

Sourav Ganguly Jay Shah: सुप्रीम कोर्ट से मिला ग्रीन सिग्नल, सौरव गांगुली और जय शाह के BCCI में दूसरे कार्यकाल का खुला रास्ता

Sourav Ganguly Jay Shah: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को अपने संविधान में संशोधन करने की इजाजात दे दी है। अदालत के इस फैसले के बाद बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह के एक और कार्यकाल का रास्ता खुल गया है।

Sourav Ganguly and Jay Shah- India TV Hindi Image Source : TWITTER Sourav Ganguly and Jay Shah

Highlights

  • सुप्रीम कोर्ट ने BCCI को संविधान में संशोधन करने की दी इजाजत
  • सौरव गांगुली और जय शाह के BCCI में दूसरे कार्यकाल का खुला रास्ता
  • कोर्ट ने कूलिंग ऑफ पीरियड के नियम में बदलाव करने की दी इजाजत

Sourav Ganguly Jay Shah: सौरव गांगुली और जय शाह का बीसीसीआई में एक और टर्म के लिए बने रहने का रास्ता साफ हो गया है। यानी भारतीय बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष गांगुली और सचिव के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे जय शाह अपने अपने पदों पर एक और कार्यकाल तक बने रह सकते हैं। इन दोनों शख्सियतों के कार्यकाल इस साल सितंबर में खत्म हो रहे हैं। बीसीसीआई के मौजूदा संविधान के मुताबिक गांगुली और शाह को कूलिंग ऑफ पीरियड में अगले तीन साल तक बोर्ड में काई पद नहीं मिल सकता था। इसी दिक्कत को दूर करने के लिए बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। भारत की सबसे बड़ी अदालत ने लगातार दो दिनों तक इस मामले की सुनवाई करते हुए भारतीय बोर्ड को अपने संविधान में संशोधन या बदलाव करने क अनुमति दे दी।

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को संविधान में संशोधन करने की दी इजाजत

पूर्व जस्टिस लोढ़ा की गाइडलान के हिसाब से बने संविधान के रूल नंबर 6 के मुताबिक कोई भी शख्स स्टेट एसोसिएशन और बीसीसीआई को मिलाकर लगातार दो कार्यकाल से ज्यादा अपने पद पर बना नहीं रह सकता या एसोसिएशन और बोर्ड से जुड़ा नहीं रह सकता। बोर्ड को इस पर आपत्ति थी लिहाजा उसने 2020 में अदालत का दरवाजा खटखटाया जिस पर अब जाकर कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय बोर्ड को संविधान के नियम 6 में बदलाव करने की इजाजत दे दी है।

सौरव गांगुली और जय शाह अगले 3 साल तक बने रह सकते हैं अपने पद पर  

बता दें कि पूर्व भारतीय कप्तान 2019 में बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर चुने जाने से पहले बंदाल क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष पद पर आसीन थे। वहीं जय शाह गुजरात एसोसिएशन से जुड़े हुए थे। यानी बोर्ड के संविधान के मुताबिक इन दोनों को तीन साल एसोसिएशन में और तीन साल भारतीय बोर्ड में गुजारने के कारण तीन साल के कूलिंग ऑफ (Cooling off) पीरियड में जाने की बाध्यता थी।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली के बेंच ने बोर्ड की ओर से मामले को पेश कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील पेश की जिसपर अपना फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने सौरव गांगुली और जय शाह को बड़ी राहत दे दी है।

अब 12 साल तक बीसीसीआई और स्टेट एसोसिएशन में रहने की इजाजत

कोर्ट के फैसले के बाद अब बीसीसीआई में तीन-तीन साल के लगातार दो कार्यकाल के बाद तीन साल के कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होगा। स्टेट एसोसिएशन पर भी यही नियम लागू होगा। लेकिन बोर्ड में दो कार्यकाल के बाद कोई भी शख्स किसी भी पद पर दो और कार्यकाल के लिए स्टेट एसोसिएशन से जुड़ सकता है। यानी अब अधिकतम 12 साल के कुल कार्यकाल के बाद किसी भी व्यक्ति को कूलिंग ऑफ में जाना होगा।

खास बात ये है कि भारतीय बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में अपने संविधान में संशोधन करने की मांग सिर्फ अध्यक्ष और सचिव के कार्यकाल को लेकर की थी।   

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